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किसान जत्थेबंदियों के आह्वान पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने जिले में 8 स्थानों पर 12 से 3 बजे तक चक्का जाम करके केंद्र सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। धरने से सबसे पहले किसान संघर्ष में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। रोपड़ में सालापुर चौक और पुलिस लाइन चौक में करीब 1 हजार किसानों ने ट्रैफिक जाम किया।
चमकौर साहिब में झल्लियां कलां टोल प्लाजा, कीरतपुर साहिब में नक्कियां टोल प्लाजा, नूरपुरबेदी बस स्टैंड व झज्ज चौक, आंनदपुर साहिब बस स्टैंड और मोरिंडा में चुन्नी रोड पर ट्रैफिक जाम किया। चक्का जाम के दौरान किसानों ने एमरजेंसी वाहनों व अन्य मरीजों के वाहन को निकलने दिया। किसान नेताओं ने कहा कि 14 फरवरी को होने वाले नगर कौंसिल व नगर पंचायत चुनाव में भाजपा नेताओं को घरों में घुसने नहीं दिया जाएगा। 10 फरवरी को महाराजा रणजीत सिंह बाग मे जिला पंचायत सभा करने का फैसला किया गया।
सरकार आंदोलन को दबाने के लिए चालें चल रही है : नेता
धरने के दौरान भारती किसान यूनियन सिद्धूपुर के सरपरस्त परगट सिंह रूलू माजरा, भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल के अमरिंदर सिंह माहलां, भारतीय किसान यूनियन कादियां के तरलोचन सिंह, गुरमेल सिंह बाड़ा, गुरनाम सिंह जसड़ा, चरन सिंह मुड़ीयां आदि नेताओं ने कहा कि खेती कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने पहले रेलवे ट्रैक पर और टोल प्लाजा पर धरने दिए। अब 26 नवंबर से किसान दिल्ली में लगातार आंदोलन कर रहे हैं लेकिन मोदी सरकार आंदोलन के दबाने के लिए चालें चल रही है।
दिल्ली के धरने में बिजली व पानी के कनेक्शन काट दिए है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ आज पूरा देश जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कह रही है किसान कहीं भी अपनी फसल बेच सकता है लेकिन किसान अपनी फसल को लेकर कहां-कहां जाएगा और मजबूर होकर अडानी व अंबानी को अपनी फसल बेचनी पड़ेगी और कार्पोरेट घराने अपनी मर्जी से किसान की फसल की कीमत लगाएंगे। किसान नेताओं के साथ हुई मीटिंगों में किसानों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कारोबारी दिवालिया हो जाता है तो सरकार उनका करोड़ों का कर्ज माफ कर देती है लेकिन किसानों का लाख रुपए का कर्ज माफ नहीं किया जाता, जिसके चलते किसानों को खुदकुशी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
धरने में सतनाम सिंह माजरी, कुलवंत सिंह, तलविंदर सिंह गगो, दलीप सिंह घनौला, चेयरमैन मंडी बोर्ड मेवा सिंह गिल, नरिंदर सिंह मावी, जैलदार सतविंदर सिंह, करम सिंह भंगाला, जमहूरी किसान सभा जरनैल सिंह, सिटू के गुरदेव सिंह बागी, आंगनबाड़ी यूनियन गुरदीप कौर, गांव सिंघ सरपंच मेहर सिंह, अंजू बाला, कैप्टन जीएस ढिलो, इकबाल सिंह, जत्थेदार भाग सिंह, आढ़ती एसोसिएशन के बलदेव सिंह गिल, जगतार सिंह, निर्मल सिंह, भाग सिंह मदान, रणजीत सिंह पतियाला शामिल थे।
बच्चों ने स्टेज से दिया भाषण दिल्ली जाने की अपील की
धरने दौरान बच्चों ने भी स्टेज से संबोधन करके मोदी सरकार को कानून रद्द करने के लिए कहा।बच्चों ने संबोधन करते हुए कहा कि मोदी सरकार किसानों के पैसों से चलती है और अगर किसान ही नहीं रहेंगे तो सरकार किस तरह चलेगी। उन्होंने किसानों को दिल्ली आंदोलन में पहुंचने की अपील की है।
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