जिले में 2 साल के कोविड के दौर में 583 लोगों ने कोरोना से अपनी जान गंवाई है। इस दौर में 2 बच्चे ऐसे भी हैं, जो जुड़वा हैं। उनके सिर से मां-बाप का साया उठ गया था। कोरोना के चलते देखभाल भी करने वाला कोई नहीं था। प्रशासन ने इन बच्चों की मदद का जिम्मा उठाया है। दोनों बच्चों के नाम पर 10-10 लाख रुपए की एफडी करवाई गई। इसके अलावा सरकारी संस्थाओं से दोनों जुड़वा बच्चों को मुफ्त शिक्षा और मुफ्त इलाज के अलावा पेंशन भी दी जाएगी। गौरतलब है कि 2020-21 दौरान कोरोना की चपेट में आने से कई जवान, बुजुर्ग व अन्य बीमारियों से ग्रस्त हुए लोगों की मौत हो गई थी।
कोविड के कारण अपने माता-पिता को गंवा चुके दो बच्चों की 10-10 लाख रुपए की एफडी की गई है। एडीसी (विकास शहरी) अनुपम कलेर ने जिला बाल भलाई कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि कोविड के कारण परिवार में से एक मेंबर की जान चले जाने से प्रभावित 8 परिवारों को प्रति परिवार 50 हजार रुपए की एक्सग्रेशिया ग्रांट प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि इस संबंधी बकाया मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि जिले में कोविड के कारण अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को गंवा चुके बच्चों संबंधी डाटा स्वराज पोर्टल पर अपलोड किया जाए। उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों को अदालत से सक्सेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए कानूनी सहायता भी प्रदान की जाए। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि कोविड संबंधी एक्सग्रेशिया ग्रांट लेने के लिए आवेदन पत्र जमा करवाने से वंचित रह गए लाभपात्रों के आवेदन जमा करवाने को भी यकीनी बनाया जाए। इस अवसर पर बाल सुरक्षा अधिकारी योगेश कुमारी, डॉ. राजीव भगत, कमेटी मेंबर व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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