हरियाणा में सोनीपत जिले के सिंघु बॉर्डर पर हुई पंजाबी युवक लखबीर सिंह की हत्या की जांच में अब पंजाब सरकार भी कूद पड़ी है। पंजाब सरकार ने ADGP और ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के डायरेक्टर IPS वरिंदर कुमार की अगुवाई में तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बना दी है। इस SIT में वरिंदर कुमार के अलावा फिरोजपुर रेंज के DIG इंद्रबीर सिंह और तरनतारन जिले के SSP हरविंदर सिंह विर्क शामिल हैं। यह SIT पता लगाएगी कि तरनतारन जिले के चीमा गांव का लखबीर सिंह सिंघु बॉर्डर पर कैसे पहुंचा? उसे वहां कौन लेकर गया? क्या बेअदबी के लिए उसे किसी ने पैसे दिए थे?
15 अक्टूबर, दशहरे वाली सुबह सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की निर्मम हत्या के बाद वहां मौजूद निहंगों ने दावा किया कि उसे किसी ने 30 हजार रुपए देकर उनके डेरे में भेजा और उसे वहां प्रकाशित श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने को कहा गया। जब लखबीर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप उठाकर भाग रहा था तो सेवादारों ने उसे देखा और रोक लिया। पैसे देने वालों के नाम न बताने पर निहंगों ने उसका एक हाथ और पांव काट दिया जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
इस बीच चीमा गांव में रहने वाली लखबीर सिंह की बहन राज कौर ने कहा है कि उसके भाई की किसी संधू नामक व्यक्ति से रुटीन में बात होती थी। राज कौर ने भी आंशका जताई थी कि उसके भाई की हत्या किसी साजिश के तहत की गई है। उसने पंजाब सरकार से अपने भाई की मौत की जांच कराने की मांग की थी।
पंजाब पुलिस की SIT इस केस से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगी। वह लखबीर के फोन की कॉल डिटेल निकलवाने के साथ साथ उसके नजदीक रहने वाले लोगों से भी पूछताछ करेगी। SIT यह भी पता लगाएगी कि जिस लखबीर के पास रोटी तक के पैसे नहीं होते थे, वह अपने गांव चीमा से दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर कैसे पहुंच गया? कौन उसे वहां लेकर गया? और क्यों?
इस बीच लखबीर का सिंघु बॉर्डर का एक नया वीडियो भी सामने आया है जिसमें उसके शरीर पर कोई चोट नहीं है। इस वीडियो में लखबीर वहां मौजूद लोगों को एक मोबाइल नंबर बता रहा है। इस वीडियो के कुछ समय बाद ही लखबीर की मौत होने की बात कही जा रही है।
रंधावा ने किया जांच का ऐलान
पंजाब के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने 19 अक्टूबर को ही कहा था कि इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी। रंधावा ने इस बात की आशंका जताई थी कि दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लखबीर सिंह की सिंघु बॉर्डर पर हत्या करके किसानों के आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की साजिश हो सकती है। रंधावा ने लखबीर की हत्या के बाद सरेंडर करने वाले चारों निहंगों के बाबा अमन सिंह के दल से होने और बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ फोटो सामने आने के बाद कहा था कि इस मामले के असली साजिशकर्ताओं को बेनकाब किया जाएगा। रंधावा ने अमृतसर और तरनतारन जिला प्रशासन को भी उन कारणों की जांच करने की हिदायतें दी जिनकी वजह से लखबीर चीमा गांव से सिंघु बॉर्डर गया।
जांचल रही बेअदबी के मामलों की पाई।
जांच शुरू कराने के सियासी मायने भी
पंजाब सरकार द्वारा इस मुद्दे पर SIT बनाने के पीछे सियासी मायने भी हैं। बेअदबी मामलों में प्रभावी कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाकर ही पिछले महीने कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब के CM पद से हटाया गया। अब चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली पंजाब की नई सरकार यह कह सकेगी कि उसने तो दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर हुई बेअदबी की जांच के लिए भी टीम बना दी थी।
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