पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के लिए सिंघु बॉर्डर से एक संदेश आया है। मुख्यमंत्री ने सिंघु बॉर्डर पर जाकर किसानों से मिलने और बात करने का प्रस्ताव रखा था। जवाब में संदेश आया कि अगर वे किसान मोर्चे पर जाते हैं तो उन्हें वहां का स्टेज नहीं मिलेगा। उन्हें पंडाल में बैठकर किसान नेताओं की बात सुननी होगी। वह वहां भाषण भी नहीं दे सकते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने यह साफ कर दिया है नेताओं का कहना है कि किसी भी राजसी नेता को सिंघु में लगी संयुक्त किसान मोर्चा की स्टेज पर चढ़ने और भाषण देने की इजाजत नहीं है। अगर वह आना चाहते हैं तो आएं और पंडाल में बैठकर किसानों से बात करके जा सकते हैं।
चन्नी के बयान का भी करारा जवाब दिया
चन्नी द्वारा अपना सिर काटकर किसानों को दे देने पर किसान नेताओं का कहना है कि यह सब कहने की बातें हैं। न तो वह अपना सिर काटकर देंगे और न ही हमें चाहिए। हम कृषि कानून वापस करवाना चाहते हैं। अगर वह यह बिल वापस करवा सकते हैं तो उसके लिए प्रयास करें। चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपनी पहली पत्रकारवार्ता के दौरान कहा था कि वह किसानों के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। अगर जरूरत पड़ी तो वह अपना सिर काटकर भी उन्हें दे देंगे।
इसके बाद वह देर शाम अपने घर चमकौर साहिब पहुंचे। अनाज मंडी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि वह एक बार सिंघु के मोर्चा पर जाना चाहते हैं। जहां से कृषि कानूनों को लेकर संघर्ष किया जा रहा है। मैं उस जगह पर नतमस्तक होना चाहता हूं।
सिद्धू ने भी जताई थी इच्छा, मगर अभी तक गए नहीं
नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रधान बनने के बाद ताजपोशी समारोह में भी कहा था कि वह किसानों के पास जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि वह प्यासे हैं और किसान कुआं, लेकिन उनकी यह कहावत गलत हो गई थी। इसका विरोध भी हुआ था। ऐलान करने के बावजूद वह अभी तक किसानों से नहीं मिले हैं। इसके बाद सीएम चन्नी ने स्टेज से किसानों से मिलने जाने की इच्छा जाहिर कर राजनीतिक चर्चा जरूर छेड़ दी है। कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि राजनेता सिर्फ वोट लेने के लिए ही इस तरह की बयानबाजी करते हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.