पंजाब के लुधियाना जिले में कोरोना की दूसरी लहर पहली और दूसरी से भी ज्यादा घातक सिद्ध हो सकती है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी माह में पहली दोनों लहर से तीन गुणा ज्यादा केस जनवरी के पहले 5 दिनों में सामने आ गए हैं। 2021 में कोरोना की दूसरी लहर जनवरी माह की शुरुआत में ही शुरू हो गई थी और पहले 5 दिन में 172 केस सामने आए थे।
तीसरी लहर में पहले 5 दिन में 527 केस कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं। पिछले साल इन 5 दिनों में 11 मौत हुई थीं और इस साल अभी तक इनकी संख्या 6 है। सेहत विभाग के अधिकारी भी इसे गंभीरता से ले रहे हैं और इसके लिए होने वाले बंदोबस्त में जुट गए हैं। पिछले तीन दिनों में मरीजों की संख्या में एक दम से इजाफा हुआ है, जबकि सैंपलिंग की रफ्तार नहीं बढ़ी है।
नए वैरिएंट के साथ आया कोरोना
प्रत्येक वर्ष कोरोना का नया रूप देखने को मिल रहा है। दूसरी लहर में इसका डेल्टा वैरिएंट सामने आया था और अब ओमिक्रॉन के साथ यह वायरस सामने आया है। इसके ज्यादातर केस विदेशों से लौटे हैं और इसी साल की शुरुआतत में इसने पंजाब में भी दस्तक दी है। लुधियाना में पहली बार 5 जनवरी को 3 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 1 फ्रांस से तो 2 लोग यूके से यहां आए थे। अब उनके संपर्क में कौन-कौन आया था, इसकी जांच की जा रही है। क्योंकि सर्दी और बारिश के मौसम के कारण लोग वैसे ही बीमार फील करते हैं और चेकअप नहीं करवा रहे। जब हालात बिगड़ रहे हैं तो टेस्ट करवा रहे हैं, लेकिन तब तक वह दूसरों को संक्रमित कर चुके हैं।
डर इस बात का भी कि पॉजिटिव दर 7.88 फीसद पहुंची
कोरोना को इसलिए भी गंभीरता से लेने की जरूरत है, क्योंकि इस समय कोरोना की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट में पॉजिटिव दर 7.88 फीसदी तक पहुंच गई है। महज 2900 सैंपल्स की जांच पर 229 मरीज सामने आए हैं। पिछले 5 दिन में कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से मात्र 12817 सैंपल ही लिए जा सके और इनमें से 527 मरीज सामने आ गए। वहीं पिछले साल जब अप्रैल और मई में सबसे ज्यादा कोरोना केस सामने आ रहे थे तो सेहत विभाग की तरफ से एक दिन में 14000 सैंपल लिए जा रहे थे और इनमें से पॉजिटिविटी दर 18 फीसदी आती थी।
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