लुधियाना ब्लास्ट के मामले में जर्मनी से सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी को पकड़ा गया है या नहीं? इसे लेकर सवाल खड़ा हो गया है। मुल्तानी की गिरफ्तारी के दावे को SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कोरा झूठ बताया है। अपने संगठन के जरिए पंजाब में रेफरेंडम-2020 चलाने वाले पन्नू ने बुधवार को एक एडिटिड वीडियो जारी किया। इसमें पन्नू वीडियो कॉल पर मुल्तानी से बात करता हुआ दिख रहा है। पन्नू का दावा है कि मुल्तानी जर्मनी में अपने घर पर मौजूद है।
SFJ की ओर से यह वीडियो बुधवार को कुछ मीडिया घरानों और अफसरों को भेजा गया। हालांकि भास्कर इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो को पहली नजर में देखने पर ही यह स्पष्ट हो जाता है कि इसमें कई जगह कट लगे हैं और इसे एडिट किया गया है। इस बीच पंजाब पुलिस ने वीडियो की जांच कराने की बात कही है।
साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी ने भी वीडियो के ओरिजनल होने पर सवाल उठाया है। मुकेश चौधरी ने कहा कि रेफरेंडम-2020 खत्म हो चुका है जबकि इसमें बैठा शख्स रेफरेंडम-2020 की टीशर्ट पहने हुए नजर आ रहा है। इसे देखते हुए डाउट हो रहा है कि यह वीडियो एडिट करके बनाया गया है।
वीडियो में पन्नू जिस शख्स से बात कर रहा है, वह खुद को जसविंदर सिंह मुल्तानी बता रहा है। उसका दावा है कि वह जर्मनी में अपने घर पर मौजूद है और उसे जर्मनी की पुलिस या दूसरी किसी एजेंसी ने गिरफ्तार नहीं किया है। उसके अनुसार, वह जर्मनी की पुलिस और वहां की सरकार के साथ लगातार टच में है।
2.52 मिनट के वीडियो में खुद को मुल्तानी बताने वाला शख्स दावा करता है कि दुनिया के कई देशों में रेफरेंडम-2020 के पक्ष में हो रही वोटिंग को प्रभावित करने के लिए भारत सरकार उसकी गिरफ्तारी की झूठी खबर फैला रही है। वह ये भी दावा करता है कि उसका लुधियाना धमाके में कोई हाथ नहीं है।
हरियाणा-हिमाचल के साथ यूपी के कुछ हिस्से भी केसरी रंग में
वीडियो में गुरपतवंत सिंह पन्नू के पीछे एक नक्शा लगा है। इसमें भारतीय पंजाब के साथ-साथ हरियाणा, हिमाचल और यूपी व राजस्थान के कुछ हिस्से को भी केसरी रंग में रंगा दिखाया गया है। पन्नू ने इस नक्शे के जरिये यह दिखाने का प्रयास किया है कि यह खालिस्तान का नक्शा है।
वीडियो में पन्नू और खुद को मुल्तानी बता रहे शख्स के बीच सवाल-जवाब :
वीडियो के शुरू में गुरपतवंत सिंह पन्नू वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरुजी की जय बोलने के बाद दूसरे व्यक्ति को जसविंदर पाजी कहकर संबोधित करते हुए उसका हालचाल पूछता है।
वीडियो के अंत में गुरपतवंत सिंह पन्नू कहता है कि आपने देखा कि जसविंदर सिंह मुल्तानी जर्मन सरकार या पुलिस हिरासत में नहीं है। न ही भारतीय हुकूमत का ऐसा कोई जहाज बना है जो SFJ के नेताओं को,जो कानूनी तौर पर खालिस्तान रेफरेंडम की मुहिम कर रहे हैं,बैठाकर ले जाए।
27 दिसंबर को मुल्तानी की गिरफ्तारी का दावा
23 दिसंबर को लुधियाना कोर्ट में हुए बम धमाके के बाद इसका मास्टरमाइंड SFJ आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी को बताया गया। यह भी कहा गया कि बम फिट करते समय मारा गया गगनदीप सिंह विदेश में बैठे आतंकियों के संपर्क में था। 27 दिसंबर को मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि भारत सरकार की पहल पर जर्मनी की पुलिस ने वहां बैठे जसविंदर सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि भारत सरकार, उसके विदेश मंत्रालय या जर्मनी की पुलिस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
वीडियो की जांच जारी
पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जो वीडियो सामने आया है, उसमें पन्नू जिस शख्स से बात कर रहा है, वह क्लीन शेव है, जबकि भारतीय एजेंसियों के पास जसविंदर सिंह मुल्तानी की दाढ़ी वाली फोटो है। ऐसे में वीडियो की जांच की जा रही है। जांच एजेंसियां लगातार विदेश में अपने अफसरों के संपर्क में हैं।
मुल्तानी ने ISI और रिंदा के जरिए रची साजिश
लुधियाना बम धमाके की जांच कर रही एजेंसियों के अनुसार, जसविंदर सिंह मुल्तानी ने पाक खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तान में बैठे गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंदा के जरिए लुधियाना बम धमाके की साजिश रची। इसके लिए उसने पंजाब पुलिस के बर्खास्त हेड कॉन्स्टेबल गगनदीप सिंह को जरिया बनाया। जांच में यह भी पता चला कि मुल्तानी दिल्ली और मुंबई में भी धमाके की साजिश रच रहा था। मुल्तानी पर खालिस्तान समर्थक होने के साथ पाकिस्तान के जरिए पंजाब बॉर्डर से भारत में हथियार और नशा तस्करी करवाने के आरोप हैं।
होशियारपुर का रहने वाला है मुल्तानी
जसविंदर सिंह मुल्तानी पंजाब में होशियारपुर जिले के मंसूरपुर गांव का रहने वाला है। लुधियाना धमाके की शुरूआती जांच में केंद्रीय एजेंसियों को साफ हो गया कि इसकी साजिश मुल्तानी और रिंदा ने रची। इसके जरिए पंजाब को चुनाव से पहले अस्थिर करने की प्लानिंग थी। रिंदा A+ कैटेगिरी का गैंगस्टर है। वह पंजाब के अलावा महाराष्ट्र, चंडीगढ़, हरियाणा और पश्चिम बंगाल में भी वांटेड है। उसके खिलाफ 10 मर्डर, 6 अटेंप्ट टु मर्डर और 7 डकैती के अलावा आर्म्स एक्ट, फिरौती, ड्रग तस्करी समेत संगीन जुर्म के 30 केस दर्ज हैं। रिंदा 2017 में पुलिस के हाथ से बच निकला था, जिसके बाद पता चला कि वह पाकिस्तान चला गया।
खालिस्तान समर्थन कैंपेन के बाद नजर में आया मुल्तानी
मुल्तानी प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा है। उसके US बेस्ड SFJ के प्रधान अवतार सिंह पन्नू और हरप्रीत सिंह राणा के साथ करीबी संबंध हैं। ये सभी सिख रेफरेंडम 2020 के जरिए खालिस्तान बनाने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। मुल्तानी ने हाल ही में SFJ के खालिस्तानी कैंपेन में मदद की थी, जिसके बाद वह जांच एजेंसियों की नजर में आया था।
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