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शहर की सड़कों को भले ही नई डेवलपमेंट के तौर पर निगम बनवा देता है। लेकिन, सड़क निर्माण के समय रोड सेफ्टी के नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। शहर की सड़कों के बीचों-बीच बने सीवरेज मेनहोल लेवल पर न होने से हादसों का सबसे बड़ा कारण दो-पहिया चालकों के लिए बने हैं। सड़कों पर मैनहोल सड़क की लेवल पर न होकर इस समय 4 से 6 इंच तक गहरे और कई सड़क से ऊंचे बने हैं। हैरानी की बात ये
है कि निगम की ओएंडएम ब्रांच द्वारा इसे ठीक ही नहीं किया जा रहा है। जबकि दूसरी लापरवाही ये भी सामने आई है कि बीएंडआर ब्रांच के इंजीनियरों की तरफ से जब नई सड़क बनाने का ठेका कॉन्ट्रेक्टर को दिया जाता है तो वो सड़क के बीच बने हुए सीवरेज के मेनहोल को सड़क के लेवल पर लाने का एस्टीमेट में शर्त डालना भूल रहे हैं। अगर किसी एस्टीमेंट में ये शर्त डाल भी दी तो उसे लागू नहीं कराया जाता।
ओएंडएम ब्रांच की अहम जिम्मेदारी पर नहीं हो रहा काम - बता दें कि बीएंडआर ब्रांच द्वारा सड़क निर्माण के दौरान एस्टीमेंट में सीवरेज मेनहोल का लेवल सड़क के बराबर रखने के लिए शर्त डालने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन कॉन्ट्रेक्टर को सौंपे गए काम में ये शर्त नहीं होती तो बाद में सड़क के लेवल पर सीवरेज मेनहोल को बनाने के लिए निगम की ही ओएंडएम ब्रांच की जिम्मेदारी बनती है।
विडंबना ये है कि सड़क निर्माण के समय कांट्रेक्टर तो सीवरेज के मेनहाेल पर ही प्रीमिक्स डालते हुए उसे छुपा दिया जाता है। जबकि बाद में ओएंडएम ब्रांच के मुलाजिम उसे लेवल पर लाने की जगह जब सीवरेज की सफाई करवाई जाती है तो उस पर डाली गई प्रीमिक्स को उखाड़ उसे और गहरा करके चलते बनते हैं। बाद में वहां से गुजरने वाले वाहन चालक इसके चलते हादसों का शिकार हो जाते हैं।
सड़कों के बीच मेनहोल के लेवल पर न होने पर सबसे ज्यादा टू-व्हीलर चालकों के लिए घातक हैं। निगम, गलाडा, ट्रस्ट या पीडब्ल्यूडी जब भी सड़क नई बनाने के लिए टैंडर लगाते हैं। उसके लिए तैयार किए जाते एस्टीमेट में अलग से ये प्रावधान रखा जाए कि कॉन्ट्रेक्टर ही रोड बनाते समय सीवरेज मेनहाेल का लेवल सड़क के बराबर करेगा। अगर वो ऐसा नहीं करता तो उसकी पेमेंट रोकी जाए। सीवरेज मैनहोल लेवल पर लाना रोड सेफ्टी का अहम हिस्सा है। पर, इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। अगर 50 लाख एक नई सड़क बानाने पर खर्च किए जा सकते हैं, उसी एस्टीमेट ये प्रावधान रखा जाए कि सीवरेज मेनहोल को सड़क के बराबर करना है। राहुल वर्मा, ट्रैफिक एक्सपर्ट
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