नेशनल मेडिकल कमीशन का नियम:एमबीबीएस स्टूडेंट्स को अब सरकारी हॉस्पिटल्स में लगानी ही होगी इंटर्नशिप

लुधियाना2 वर्ष पहलेलेखक: रागिनी कौशल
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नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा इसके लिए कंपल्सरी रोटेटिंग इंटर्नशिप रैगुलेशन, 2021 तैयार किया है। - Dainik Bhaskar
नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा इसके लिए कंपल्सरी रोटेटिंग इंटर्नशिप रैगुलेशन, 2021 तैयार किया है।

एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की इंटर्नशिप के संबंध में अब राष्ट्रीय स्तर पर नियम बनाए जा रहे हैं। इन नियमों के तहत एमबीबीएस के स्टूडेंट्स को कम्युनिटी तक संपर्क बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के लिए सरकारी हॉस्पिटल्स में इंटर्नशिप लगानी होगी। ये इंटर्नशिप भी सिर्फ शहर में स्थित सरकारी हॉस्पिटल्स में नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में स्थापित हॉस्पिटल्स में लगानी होगी। नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा इसके लिए कंपल्सरी रोटेटिंग इंटर्नशिप रैगुलेशन, 2021 तैयार किया है।

इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। जिसके लागू होने के पर ये कानून बन जाएगा और इसका एमबीबीएस के हर स्टूडेंट को पालन करना होगा। इस नियम का मकसद है कि स्टूडेंट्स हर स्तर पर ट्रेनिंग करें ताकि उन्हें असलियत के बारेे में जानकारी हो और वो हेल्थ केयर सिस्टम में लीडर के तौर पर तैयार हो सकें। इस इंटर्नशिप की अवधि 1 साल की होगी। जिसे स्टूडेंट्स को एमबीबीएस का एग्जाम पास करने के 2 साल के दौरान पूरी करनी होगी।

स्टेट मेडिकल काउंसिल के पास प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन करना होगा कंपलसरी
स्टेट मेडिकल काउंसिल के पास प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन कपंलसरी होगा। रजिस्ट्रेशन की वैधता एक साल होगी। एक साल की कंपल्सरी इंटर्नशिप के दौरान प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति नहीं होगी। साथ ही मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का हक नहीं होगा। ऑटोप्सी, सर्जरी के काम व्यक्तिगत स्तर पर बिना सुपरविजन के नहीं कर सकेंगे। साथ ही मेडिकल कॉलेज में टीचिंग की पोस्ट नहीं ले सकेंगे।

कम्युनिटी मेडिसिन में 2 महीने की, आयुर्वेद, योग की भी लेंगे ट्रेनिंग
नियम के अनुसार एक साल की अवधि वाली इंटर्नशिप को 17 अलग विभागों में बांटा गया है। इसमें कम्युनिटी मेडिसिन में 2 महीने की ट्रेनिंग करनी होगी। ये ट्रेनिंग सीएचसी, रुरल हेल्थ क्लिनिक में लगेगी। 1.5 महीने की ट्रेनिंग जनरल मेडिसिन में होगी जो ओपीडी, आईपीडी, एचडीयू, आईसीयू में होगी।

इसके अलावा स्टूडेंट्स को 1-2 हफ्ते की ट्रेनिंग साइकियाट्री, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, एनेस्थिसियोलॉजी, गाइनीकोलॉजी, ऑर्थोपीडिक्स, एमरजेसीं, फोरेंसिक मेडिसिन, डर्मेटोलॉजी, ऑप्थेमोलॉजी, लैबोरेट्री साइंस, ब्रोड स्पेशिएलिटी ग्रुप, सुपरस्पेशिएलिटी ग्रुप, इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन में लगानी होगी। इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन में स्टूडेंट्स को आयुर्वेद, युनानी सिद्ध, होम्योपैथी और योग के बारे में भी जानकारी लेनी होगी।

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