महिलाओं से जुड़े आपराधिक मामलों को लुधियाना पुलिस हल्के में लेती है। यही वजह है कि महिलाओं के मामलों को पुरुष डील करते हैं। बहुत से मामलों में इंसाफ के लिए महिलाएं थाने और अफसरों के चक्कर ही काटती रह जाती हैं। इस वजह से उन्हें अधिकारियों के दफ्तरों में जाना पड़ता है और कई मामलों में कोर्ट के दरवाजे तक खटखटाने की नौबत आ जाती है। आंकड़ों की बात करें तो पुलिस विभाग में करीब 525 महिला मुलाजिम हैं। इसमें अधिकारियों से लेकर इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, एएसआई और कांस्टेबल शामिल हैं।
इसके बावजूद पिछले डेढ़ साल में महिलाओं से संबंधित अपराध के 64 में से 52 मामलों के इंवेस्टिगेशन अफसर (आईओ) पुरुष हैं। इन मामलों में महिलाएं पुरुष मुलाजिमों से खुलकर ना बात कर पाती हैं और ना ही बयान लिखवा पाती हैं। इसका नुकसान ये होता है कि केस कमजोर हो जाते हैं या फिर उनमें समझौते करवा दिए जाते हैं। सीपी डॉ. कौस्तुभ शर्मा ने कहा कि नए और पुराने सभी केसों का रिव्यू किया जा रहा है। महिलाओं के मामलों को तवज्जो दी जाएगी और उक्त मामलों की इंवेस्टिगेशन जल्द पूरी कर रिपोर्ट करने के लिए कहा जाएगा।
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