कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन सामने आने के बाद इंटनेशनल लेवल पर टेंशन का माहौल है मगर पंजाब वाले इसे अभी भी हल्के में ले रहे हैं। पंजाब में लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने में ढिलाई बरत रहे हैं। लुधियाना शहर की बात करें तो यहां अब तक 97% लोग पहली डोज लगवा चुके हैं मगर दूसरी डोज मात्र 43.33% ने ही लगवाई है। हेल्थ एक्सपर्ट कह चुके हैं कि ओमिक्रॉन से बचने के लिए मास्क के साथ-साथ कोरोना वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी है।
ऐसे माहौल में जिला प्रशासन और हेल्थ महकमा लोगों को दूसरी डोज लगवाने के लिए प्रेरित कर रहा है। गौरतलब है कि ओमिक्रॉन कोरोना की दूसरी लहर लाने वाले डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है और यह बेहद तेजी से फैलता है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच नवंबर में लुधियाना में कोरोना के 50 मरीज मिल चुके और इनमें से 4 की मौत हो गई। अगर लोगों ने दूसरी डोज लगवाने में इसी तरह की लापरवाही दिखाई तो नए साल के पहले तीन-चार महीनों में ही कोरोना खतरनाक लेवल पर पहुंच सकता है।
अब तक 2110 ने गंवाई जान, तब वैक्सीन नहीं थी
सेहत विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक जिले में 87 हजार 670 मरीज मिल चुके हैं, जबकि 2110 ने अपनी जान गंवा दी। यह मौत तब की हैं, जब हमारे पास वैक्सीन नहीं थी और लोगों को लॉकडाउन के दौरान घरों में रहना पड़ा था। जब सरकार की तरफ से वैक्सीन मुहैया करवाई जा रही है, तब भी लोग इसे लेकर अवेयर नहीं हैं और वैक्सीन नहीं लगवा रहे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर ओमिक्रॉन वैरिएंट फैलता है और इसे रोका ना जा सका तो इसके लिए हम खुद जिम्मेदार होंगे।
फोन करने पर भी जागरूक नहीं
सेहत विभाग की तरफ से उन लोगों को लागतार फोन भी किए जा रहे हैं, जिनको पहली डोज लगवाए हुए 84 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। उनकी तरफ से विभाग के अधिकारियों को अजीब ही तर्क दिए जाते हैं। कुछ कहते हैं कि पिछली बार बुखार हो गया था, अब नहीं लगवानी। कोई कहता है कि वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर में जान नहीं रही है, मुझे डर लगता है। कई कहते हैं कि कुछ नहीं होता है, हमने नहीं लगवानी। यही नहीं बहुत से लोग तो यह भी कह देते हैं कि इंजेक्शन लगने से मौत हो रही है।
बच्चों की टेस्टिंग बढ़ा रहा सेहत विभाग
सेहत विभाग की तरफ से नए वैरिएंट को देखते हुए बच्चों की टेस्टिंग बढ़ा दी गई है। जिले में हर सरकारी अस्पताल, सब सेंटर पर विभाग की तरफ से यह जांच की जा रही है। इसके अलावा सेहत विभाग ने डिप्टी कमिश्नर से मांग की है कि स्कूलों में टेस्टिंग बढ़ाने की इजाजत दी जाए। इसके अलावा सेहत विभाग का मास मीडिया विभाग भी लगातार स्कूलों में जाकर बच्चों को इसके लिए अवेयर कर रहा है।
लोग गंभीरता से लें इस नए वैरिएंट को
सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह के मुताबिक, अभी नए वैरिएंट को लेकर अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर ऑब्जर्वेशन चल रही है। लेकिन अगर लोग दूसरी डोज लगवाने में इसी तरह से देरी करेंगे तो यह आने वाले समय में चिंता का विषय है। अगर दोनों डोज लगी हो तो कम से कम गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है और हॉस्पिटल में एडमिट होने की नौबत नहीं आएगी। लोगों से अपील है कि दूसरी डोज को हल्के में न लें और वैक्सीनेशन पूरी करवाएं, ताकि दूसरी लहर जैसी स्थिति से लुधियाना को बचाया जा सके। वहीं कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क पहनने, हाथ धोने और सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करें।
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