अमृतपाल के साथियों को डिब्रूगढ़ भेजने की वजह:आरोपी कर सकते थे जेल ब्रेक, उन्हें छुड़वाने के लिए हो सकती थी अजनाला जैसी हिंसा

लुधियाना2 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह की हिमायत कर रहे उसके करीब 5 साथियों को पंजाब पुलिस ने असम की डिब्रूगढ़ की जेल में भेज दिया है। इन्हें जेल भेजने के दो कारण सामने आए हैं। पहला कारण यह है कि ये आरोपी जेल ब्रेक कर सकते थे। यदि पंजाब में जेल ब्रेक होती तो पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठ जाता।

वहीं, दूसरा कारण अजनाला जैसी घटना का होना। आरोपियों को छुड़वाने के लिए एक बार फिर से अजनाला जैसी हिंसा हो सकती थी। अमृतपाल के गिरफ्तार साथियों को छुड़वाने के लिए फिर से जेल या थानों की घेराबंदी होने का डर था। ऐसे में 5 साथियों को डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया।

डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जेल परिसर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। साथ में मेटल डिटेक्टर भी रखा गया है। डिब्रूगढ़ जेल 1959 में बनी थी।

आरोपी युवाओं के कर रहे थे ब्रेनवॉश
अमृतपाल के वारिस पंजाब दे संगठन से काफी लोग जुड़े हैं। जिन आरोपियों को असम जेल में भेजा है वह पंजाब में युवाओं के ब्रेनवॉश कर रहे थे। इनमें से कुछ लोगों ने पिछले महीने एक थाने पर हमला बोल दिया था। अमृतपाल के करीबियों और बाद में उसकी गिरफ्तारी पर ये लोग फिर से बवाल पैदा कर सकते हैं। इसीलिए पंजाब सरकार कुछ लोगों को प्रदेश से दूर भेज रही है। इससे कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

इन लोगों को भेजा असम जेल
पंजाब पुलिस ने दलजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह, भगवंत सिंह प्रधानमंत्री बाजेका और हरजीत सिंह शामिल है। इन सभी पर आरोप है कि ये माहौल खराब कर सकते थे। वहीं पकड़े गए कुछ लोगों के परिवारों का कहना है कि उनके परिवार के सदस्यों को बेवजह जेलों में बंद किया है।

पिछले महीने 23 फरवरी को अजनाला थाने पर हमला किया गया था।
पिछले महीने 23 फरवरी को अजनाला थाने पर हमला किया गया था।

तूफान की गिरफ्तारी पर अजनाला थाने पर किया हमला
पंजाब में 1 महीना पहले खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इनके हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया। पुलिस ने उग्र भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन ये उन्हें तोड़कर अंदर घुस गए। इसमें 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

अजनाला थाने पर बंदूकें, डंडे और तलवारें लेकर हमला किया गया था।
अजनाला थाने पर बंदूकें, डंडे और तलवारें लेकर हमला किया गया था।

अजनाला हिंसा क्यों हुई?
अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने में अमृतपाल, उसके साथी तूफान सिंह समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है। बता दें कि अमृतपाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले एक युवक को किडनैप करने के बाद उसे बुरी तरह पीटा था। 15 फरवरी की रात अजनाला में पहुंचे चमकौर साहिब के बरिंदर सिंह को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया था। जंडियाला गुरु के पास मोटर पर (जहां अमृतपाल भी मौजूद था) बरिंदर सिंह के साथ मारपीट की गई थी। जिसकी शिकायत पर अमृतपाल व उसके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

इसी केस में पुलिस ने तूफान सिंह को गिरफ्तार किया था। इससे अमृतपाल भड़क गया और उसने अजनाला थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी देने की घोषणा की थी। अमृतपाल ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी तीखे तेवर दिखाते हुए उनका हश्र इंदिरा गांधी की तरह करने वाली बात कही थी।

ये खबरें भी पढ़ें:-

अमृतपाल की फायरिंग रेंज का VIDEO: पुलिस को गनर के मोबाइल से मिला; पूर्व फौजी दे रहे थे ट्रेनिंग, 2 की पहचान हुई

वारिस पंजाब दे के चीफ खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के बारे में पुलिस की जांच में नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस को अमृतपाल के गनर के मोबाइल से फायरिंग रेंज का एक वीडियो मिला है। इसमें पूर्व फौजी हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं (पूरी खबर पढ़ें)

लुधियाना के शेरपुर से बस में फरार हुआ अमृतपाल,VIDEO: 16 किमी का सफर किया तय, 10 चौक पार कर बदले 2 ऑटो; नाकाबंदी फेल

पंजाब के जिला लुधियाना में करीब 1 घंटा खालिस्तानी समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह अपने साथी पपलप्रीत सिंह के साथ ऑटो में घूमता रहा। दोनों ने करीब 16 किलोमीटर का सफर महानगर में ऑटो में तय किया (पूरी खबर पढ़ें)

अमृतपाल का पंजाब से एग्जिट प्लान: मर्सिडीज समेत 3 गाड़ियों के बाद जुगाड़ू रेहड़े और ऑटो में भागा, बस से हरियाणा पहुंचा

खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वह 18 मार्च को भागा था और अभी तक फरार चल रहा है। इन 6 दिन में वह मर्सिडीज गाड़ी से बाइक, जुगाड़ के रेहड़े, ऑटो और फिर बस में भागा (पूरी खबर पढ़ें)