मूसेवाला मर्डर का फिर मिला राजस्थान कनेक्शन:फंडिंग-हथियार मुहैया करवाए गए; बोलेरो भी वहीं से आई; सीकर में हत्या की प्लानिंग हुई

लुधियाना6 महीने पहले
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सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में एक बार फिर से राजस्थान कनेक्शन सामने आ रहा है। अभी तक की जांच में पंजाब पुलिस को पता चला है कि मूसेवाला की हत्या करने में आर्थिक मदद राजस्थान से आई थी। कुछ हथियार भी वहीं से लिए गए थे। ऐसा सुराग मिलने के बाद मानसा पुलिस की टीमें राजस्थान व पश्चिमी बंगाल गई हैं, लेकिन मानसा पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं कर रही।

मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल-पश्चिम बंगाल सीमा से गिरफ्तार किए गए शूटर दीपक मुंडी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि गैंगस्टरों को आर्थिक मदद राजस्थान से और पश्चिम बंगाल से मिली है। 100 दिन से अधिक समय तक जिन लोगों ने हत्यारोपियों को आश्रय दिया, पुलिस अब उन्हें बेनकाब करने में जुटी है। नेपाल बॉर्डर से दीपक मुंडी, कपिल पंडित और राजेन्द्र जोकर को पकड़ा।

मर्डर का कनेक्शन राजस्थान के शेखावाटी इलाके से निकल कर सामने आ रहा है। मर्डर की पूरी प्लानिंग सीकर में की गई थी। मर्डर में शामिल 6 बदमाशों में से 5 पंजाब और 1 सीकर का था। इसके अलावा वारदात में इस्तेमाल गाड़ी भी सीकर की थी। SIT की टीमें राजस्थान से कनेक्शन की जांच में जुटी हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि मर्डर की प्लानिंग में सीकर के कई बदमाश शामिल थे।

गैंगस्टर राजेन्द्र जोकर को अदालत से वापस जेल लेकर जाती पुलिस। (फाइल फोटो)
गैंगस्टर राजेन्द्र जोकर को अदालत से वापस जेल लेकर जाती पुलिस। (फाइल फोटो)

भास्कर इन्वेस्टिगेशन में हुए बड़े खुलासे

सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की भास्कर इन्वेस्टिगेशन में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जोधपुर, जयपुर के अलावा सीकर, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, बीकानेर में भी लॉरेंस का बड़ा नेटवर्क है। लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए राजस्थान के ही कई गैंगस्टर्स से बात की थी। लॉरेंस ने उन्हें मैसेज भिजवाया था- बड़ा काम देना है, जल्दी कॉन्टैक्ट करो। कई गैंगस्टर्स ने यह काम करने से मना कर दिया, लेकिन सीकर का गैंगस्टर सुभाष बराल पुराना एहसान उतारने के लिए काम करने को तैयार हो गया। लॉरेंस ने बराल पर मर्डर की प्लानिंग के लिए दबाव बनाया था।

रेकी से लेकर फरारी तक का कनेक्शन राजस्थान से

पंजाब पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि ​बोलेरो राजस्थान की थी। रतिया पुल के पास गाड़ी चरणजीत सिंह व केशव को गैंगस्टर नसीब ने सौंप दी। सोनीपत के कुख्यात बदमाश प्रियव्रत फौजी और उसके साथी अंकित जाटी सिरसा भी उनके साथ गाड़ी में थे। यह 25 मई को पंजाब रवाना हुए थे और बीसला में गाड़ी में तेल डलवाते हुए एक CCTV में कैद हो गए थे। फौजी और सिरसा की गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस लगातार दबिश दे रही है।

सीसीटीवी में कैद हुई बैलेरो जिसकी तालाश में राजस्थान कई थी पंजाब पुलिस। (फाइल फोटो)
सीसीटीवी में कैद हुई बैलेरो जिसकी तालाश में राजस्थान कई थी पंजाब पुलिस। (फाइल फोटो)

राजस्थान के दो गैंगस्टर पहले ही रडार पर

इसी मामले में राजस्थान के गैंगस्टर रोहित गुदारा और अरशद खान का नाम भी सामने आया हुआ है। रोहित गुदारा मूसेवाला हत्याकांड के बाद से फरार है। वहीं हिस्ट्रीशीटर अरशद खान को पंजाब पुलिस 2 महीने पहले चुरू की जेल से चंडीगढ़ लाई थी।

फरवरी में ही आ गई थी बोलेरो

पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, बोलेरो फरवरी महीने में हरियाणा के फतेहाबाद में आ गई थी। इसे हिस्ट्रीशीटर अरशद खान ने भिजवाया था। इसी बोलेरो में हरियाणा के शार्प शूटर प्रियवर्त फौजी, अंकित सेरसा, कशिश और दीपक मुंडी सवार थे।

तीन बार किए गए थे मारने के प्रयास

मूसेवाला की हत्या तो फरवरी महीने में ही हो जानी थी, लेकिन चुनाव के चलते मूसेवाला के साथ सुरक्षा कर्मचारियों की संख्या अधिक थी, जिस कारण गैंगस्टरों को पीछे हटना पड़ा। गैंगस्टरों ने मूसेवाला को मारने के तीन प्रयास किए। तीनों बार सुरक्षा घेरा मजबूत होने के चलने गैंगस्टरों को अंदेशा हो गया कि यदि वह मूसेवाला को मार देंगे तो उनके खुद के बचने के चांस भी बहुत कम हैं। इस कारण गैंगस्टर पीछे हट गए।

गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के गिरोह के दो सदस्य, जिन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था, इस साल फरवरी में मूसेवाला की हत्या करने के इरादे से कम से कम तीन बार उनके करीब आए थे, लेकिन चारों ओर सुरक्षा घेरा देखकर उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। मनप्रीत सिंह उर्फ ​​मनी रइया और मनदीप सिंह उर्फ ​​तूफान को शनिवार दोपहर ड्यूटी मजिस्ट्रेट मानसा की अदालत में पेश करके 6 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

पुलिस के मुताबिक, मूसेवाला को मारने में रइया और तूफान के नाकाम रहने के बाद, लॉरेंस गिरोह ने उसकी हत्या करने के लिए बड़ी योजना बनाई। उन्होंने 6 शूटरों के दो और मॉड्यूल इकट्ठे किए और उन्हें एके-47 और हथगोले सहित अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया। मूसेवाला की हत्या से पहले रइया और तूफान कम से कम तीन दिन तक मनसा में रहे। अलग-अलग इलाकों में भी घूमते रहे, लेकिन गोल्डी बराड़ ने वारदात से ठीक एक दिन पहले ऑपरेशन से इन्हें बाहर कर दिया था।

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