पंजाब कैबिनट की 29 नवंबर को होने वाली बैठक में ठेका मुलाजिमों का हल नहीं करने पर पंजाब रोडवेज और पनबस के हजारों कर्मचारी 30 नवंबर से हड़ताल करेंगे। 23 नवंबर को पीआरटीसी विभाग के आह्वान पर यह हड़ताल पहले रद्द कर दी गई थी, लेकिन अब फिर से ऐलान कर दिया गया है। आज सरकारी ठेका मुलाजिमों की तरफ से बस स्टैंड पर गेट रैली की गई। इस दौरान मुलाजिमों की तरफ से सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।
पंजाब रोडवेज संघर्ष समिति के ज्वाइंट सचिव शमशेर सिंह का कहना है कि पंजाब सरकार ने हमसे कैबिनेट बैठक तक का समय लिया था। कच्चे मुलाजिमों को पक्का किया जाए, इसके अलावा आबादी के हिसाब से बसों की संख्या 10 हजार की जाए। एक पोस्ट एक रैंक वेतन के अनुसार वेतन दिया जाए और गलत ढंग से निकाले गए मुलाजिमों को बहाल किया जाए।
बंद हुई बसें तो गंभीर निकलेंगे नतीजे, परेशान होंगे लोग
पंजाब सरकार की तरफ से प्राइवेट बसों को टैक्स नहीं भरने के कारण बंद कर दिया है। सरकार की तरफ से अब तक 500 से भी ज्यादा बसों को बंद किया गया है और यही कारण है कि पंजाब में बस ट्रांसपोर्टेशन का बड़ा हिस्सा सरकारी बसों पर डिपेंड कर रहा है, लेकिन यह सरकारी बसें भी बंद होती हैं तो इसका असर आम लोगों के सफर पर पड़ेगा। यही कारण है कि सरकारी बसों के मुलाजिमों की हड़ताल को लगातार आगे किया जा रहा है।
पहले आठ दिन तक हड़ताल पर रहे बसों के संचालक
अमरिंदर सिंह की सरकार के दौरान पंजाब रोड़वेज और पनबस के मुलाजिम आठ दिन तक हड़ताल पर रहे थे और इससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था। मगर तब फायदा यह था कि प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों की बसें तब चल रह थीं और आम लोगों पर इसका कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा था। इसके बाद मुलाजिमों ने तीन बार अपनी हड़ताल का ऐलान किया, मगर परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के आश्वासन के बाद इसे टाल दिया जाता रहा है। अब फिर से 30 नवंबर को हड़ताल का ऐलान कर दिया गया है।
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