SCST आयोग के राष्ट्रीय चेयरमैन विजय सांपला ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर बयान देते हुए कहा है कि वह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर तो जा सकते हैं, मगर तरनतारन के चीमाकलां गांव नहीं जा सकते। यह राजनीति से प्रेरित नहीं तो और क्या है। यही नहीं, उनकी ओर से लखीमपुर में मरे किसानों को राहत राशि देने का भी ऐलान किया गया है, मगर तरनतारन के दलित युवक की सिंघु बॉर्डर पर हुई निर्मम हत्या पर एक भी शब्द नहीं बोले हैं। इसे राजनीति से प्रेरित न कहा जाए तो और क्या कहा जाना चाहिए। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री की सोच पर भी सवाल खड़े करती है।
विजय सांपला लुधियाना में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए सभी एक सामान होने चाहिएं। अगर वह राहुल गांधी की राजनीति चमकाने के लिए लखीमपुर जाकर किसानों को 50-50 लाख रुपए का ऐलान कर सकते हैं तो लखबीर सिंह के परिवार से भी तो मिल सकते थे। विजय सांपला ने कहा कि उनकी ओर से इस पूरे मामले पर ध्यान दिया जा रहा है। उनकी ओर से डीजीपी और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सचिव से भी बात की गई। वह उसकी अंतिम अरदास सिख परंपरा से करवाने के लिए श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को भी पत्र लिख चुके हैं।
दलित युवक की हत्या मामले पर सवालों के घेरे में हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ से तरनतारन के उक्त युवक की हत्या के बाद कोई बयान नहीं दिया गया है। जिस कारण उनके ऊपर कई सवाल उठ रहे हैं। मुख्यमंत्री की तरफ से काबुल में श्री गुरुद्वारा साहिब पर हुए हमले का ट्वीट किया गया तो उस पर भी यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए तरनतारन में हुई हत्या पर बयान देने को कहा था। मगर इसके बाद भी उनका कोई बयान नहीं आया है।
निहंग अमन की फोटो वायरल होने पर बोले सुखजिंदर रंधावा
निहंग बाबा अमन सिंह की फोटो कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य लोगों के साथ फोटो वायरल होने के बाद गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने इस पर टिप्पणी जरूर की थी और मामले की जांच के आदेश देते हुए स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम बनाई है, जो इस मामले की जांच करेगी। मगर मुख्यमंत्री ने इससे पूरी तरह से दूरी बना रखी है।
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