ये खबर बेहद परेशान करने वाली है, लेकिन है ही ऐसी, तो उसे वैसे ही बयां भी करना होगा। सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर निहंगों ने एक युवक को पकड़कर पहले उसके हाथ-पैर काटे, फिर उसे मार डाला। इसके बाद किसान जहां सालभर से धरने पर बैठे हैं, वहां लोहे के एक बैरिकेड पर लाश टांग दी। वहीं बगल में उसका कटा हुआ हाथ भी टांग दिया।
जो मारा गया, उसका नाम लखबीर सिंह है। अब पूरी घटना का वीडियो भी सामने आ चुका है। इन्हें जोड़कर देखें और पढ़ें तो पूरा मामला साफ बयां हो रहा है। वीडियो को जोड़कर जो बयानगी बन रही है, वो इस तरह है…
निहंग : ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है...अपने पैरों से चलकर थाने गया...सिंहों की वाणी भी पढ़ता है। इसको पूरी ट्रेनिंग कराई गई है।
निहंग: अपना नाम बता...जो भी बेअदबी करेगा उसका यही हश्र होगा। कोई भी जिंदा नहीं जाएगा।
निहंग : तुझे किसने भेजा है? पहले बोल तुझे किसने भेजा है?
घायल : मेरी गर्दन काट दो। (इसके बाद कुछ बोलता है जो स्पष्ट नहीं)
निहंग : महाराज की बेअदबी क्यों की? तू महाराज स्वरूप उठाकर क्यों ले गया?
निहंग : परवाह न करो...अभी ऐसे लोग बहुत से घरों से निकालने हैं। जिन निहंग सिखों ने यह किया है, इधर ही खड़े हैं। (बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयकारे लगते हैं)
निहंग : यह देखो इसने कछरा (सिखों का खास पहनावा) पहना हुआ है। इसको हिंदू सिख न बनाया जाए। यह कोई पंजाबी बंदा है। इसने पालकी से महाराज के स्वरूप उठाए। सिंहों ने इसको पकड़कर इसका हाथ और पैर काट दिया।
निहंग : गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वाला अपने सामने है। एजेंसियां हमारे बाणा (वेशभूषा) में भेजकर महाराज के स्वरूप की बेअदबी कराती हैं। पंजाब के सारे लोग सचेत रहें। जो हमारी वेषभूषा में हो उससे भी। यह हमारी वेषभूषा में आकर बेअदबी कर गया।
निहंग : तेरा गांव कौन सा है?
घायल : मेरी गर्दन उतार दो।
निहंग : गर्दन नहीं काटेंगे। तुझे मुक्ति मिल जाएगी। तड़प-तड़पकर मरोगे। एक और टांग काटेंगे।
एक निहंग दूसरे निहंग से : इसको टांग दो बाबा जी।
एक और वीडियो में जो कहा जा रहा है...
वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह। आनंदपुर में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी करके मुजरिम बचकर निकल गया था। हम निहंग सिंहों का धन्यवाद करते हैं। इसकी वेशभूषा सिखों जैसी है। बाल कटे हैं। यह महाराज की बेअदबी करके भाग रहा था। निहंग सिंह ने कार्रवाई की है।
मौके पर ही काटकर टांग दिया है। हम धन्यवाद करते हैं निहंग सिंहों की जो हमारे सहयोग में खड़े हैं। हम लोग इसकी लाश भी नहीं देंगे। नौजवानों से अपील है कि एकजुट हो जाओ। आज दशहरा है और इस रावण को यहीं जलाया जाए।
और इसके बाद प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो जाती है...
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