• Hindi News
  • Local
  • Punjab
  • Ludhiana
  • The PA Of A Minister Was Also Mentioned In The FIR, But Not Named; Bail Application Of 5 Including Former Chairman Canceled

इंप्रूवमेंट भ्रष्ट:एफआईआर में एक मंत्री के पीए का भी जिक्र, लेकिन नहीं किया गया नामजद; पू्र्व चेयरमैन समेत 5 की जमानत याचिका रद्द

लुधियाना8 महीने पहले
  • कॉपी लिंक
विभागीय सूत्रों की मानें तो इस मामले में सभी आरोपियों की जमानत याचिका रद्द होने के कई कारण - Dainik Bhaskar
विभागीय सूत्रों की मानें तो इस मामले में सभी आरोपियों की जमानत याचिका रद्द होने के कई कारण
  • आरोपी सुब्रमण्यम, ईओ की मंजूरी के बाद उसी ने आईटी एक्सपर्ट को हायर किया था
  • रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने को आरोपियों ने हायर किए थे आईटी एक्सपर्ट

इप्रूवमेंट ट्रस्ट के प्लॉटों के मामले में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने वाले पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रमण्यम समेत 5 आरोपियों की जमानत याचिका को कोर्ट ने रद्द कर दिया है। जिसके बाद आरोपी रमन बाला सुब्रमण्यम, ईओ कुलजीत कौर, क्लर्क प्रवीन, ईओ के पति बिक्रम सिंह और प्राॅपर्टी डीलर गुरनाम सिंह की परेशानियां और बढ़ गई हैं। वहीं इस मामले में आरोपी ईओ और क्लर्क के बयानों पर एफआईआर में ये भी लिखा है कि ट्रस्ट की अलाॅटमेंट और एलडीपी के प्रोसेस में एक मंत्री के पीए की भी दखलअंदाजी हुआ करती थी।

हालांकि विजिलेंस ने इसके आगे इस मामले में पीए के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है और न ही उसे इस मामले में नामजद किया। इसके अलावा प्लॉटों के अलॉटमेंट में एक्सईएन और टेक्नीकल ब्रांच समेत अन्य की मिलीभगत से प्रोसिजर टेंपर करने की बात भी लिखी गई है। पुलिस जांच में पता चला कि रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्राॅपर्टी के प्लाटों के नंबरों में ऑनलाइन टेंपरिंग की गई थी। जिसमें एसडीओ अंकित की अहम भूमिका है। आरोपी सुब्रमण्यम, ईओ की मंजूरी के बाद उसी ने आईटी एक्सपर्ट को हायर किया था। विजिलेंस टीम ने तीन अज्ञात लोगों को भी नामजद किया है। जिन्होंने रिकॉर्ड टेंपर और फर्जीवाड़े में हिस्सा लिया था। हालांकि उनके नाम नहीं बताए हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद इस केस में एक पूर्व मंत्री और उनके नजदीकियों के नाम सामने आएंगे।

ये वजह थी...आरोपियों की जमानत याचिका कैंसिल होने की

  • विभागीय सूत्रों की मानें तो इस मामले में सभी आरोपियों की जमानत याचिका रद्द होने के कई कारण हैं। जिसमें से चार ये माने जा रहे हैं, जिनकी वजह से याचिका रद्द हुई हो सकती है।
  • पुलिस द्वारा बयानों का इतना मजबूत ग्राउंड तैयार किया गया, कि बेल मिलना मुश्किल था।
  • आरोपी पक्ष ने बेल के लिए जिन दस्तावेजों को लगाया, वो दस्तावेज सवालों के घेरे में आ गए।
  • पूर्व चेयरमैन एक बार भी पेश नहीं हुए और पहली बार में ही बेल की एप्लीकेशन लगा दी गई।
  • फर्जीवाड़े की इस चेन में रिकार्ड को टेंपर करने के सबूत पुलिस को मिले, जिसे चैलेंज नहीं किया जा सकता था।

5 लोकेशन पर 13 प्लॉटों के रिकॉर्ड में गड़बड़ी

विजिलेंस जांच में इतना जरूर सामने आया है कि शहर की 5 लोकेशन जिसमें सराभा नगर, बीआरएस नगर, मॉडल टाउन समेत अन्य इलाकों में 13 के करीब प्लॉटों में हेरफेर किया गया है। इसमें बीआरएस नगर स्थित जमीन पर एक स्कूल बनाने की मंजूरी थी, जिसमें तीन स्कूल बनवा दिए गए। इसी तरह से कई और फर्जीवाड़ों का आरोपियों ने पुलिस के सामने जिक्र किया है। जिसे बयानों में दर्ज किया गया है।

पूर्व चेयरमैन को जमीन निगली या आसमान खा गया

इस सारे प्रकरण के शुरू होने से पहले ही पूर्व चेयरमैन अंडरग्राउंड हो गए थे। पुलिस ने उसके घर, रिश्तेदारों और दोस्तों के घर पर दबिश दी। उसके नंबरों को 10 दिन से लिस्निंग पर रखा गया था, मगर उसका कोई क्लू नहीं लग पाया। चर्चा है कि वो विदेश में हैं, इसलिए उसका लुकआउट सर्कुलर पुलिस ने जारी करवा दिया। लेकिन उसके बारे में कोई इंफ्रोमेशन नहीं मिली। पुलिस का भी कहना है कि उसे जमीन निगल गई या आसमान खा गया।

पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार करना इतना आसान नहीं है। हमने तीन टीमें फरार आरोपियों के पीछे लगाईं हैं। फिलहाल ये पता नहीं है कि वो विदेश में हैं या यहां? जल्द उसे गिरफ्तार किया जाएगा।

-आरपीएस संधू, एसएसपी विजिलेंस

खबरें और भी हैं...