जिले में मॉनसून सीजन का तीसरा अगस्त का महीना खत्म हो गया है। इस बार अगस्त के महीने में सिर्फ 53.4 एमएम बारिश ही हो पाई है, जो सामान्य से 64 फीसदी कम है। जबकि ऐसा साल 2014 के बाद दूसरी बार देखने को मिला है कि 100 मिलीमीटर का आंकड़ा भी अगस्त में पार नहीं हो पाया है।
साल 2014 में भी 52.3 मिलीमीटर बारिश अगस्त में सबसे कम रिकार्ड हुई थी। ऐसे में 8 साल बाद ऐसा देखने को मिला है। मौसम विभाग के अनुसार 6 सितंबर तक मानसून वीक बताया गया है। इस दौरान आंशिक बादल छाएंगे और एक-दो जगहों पर छिटपुट बारिश की घटनाएं देखने को मिल सकती हैं।
पारे पर असर- इस बार 3 डिग्री अधिकतम तापमान भी बढ़ा
आईएमडी के रिकॉर्ड के मुताबिक अगस्त में जहां बारिशें कम हुई हैं। वहीं, इसका असर तापमान पर भी देखने को मिला है। इस बार औसतन पारा जिले में 36.8 डिग्री अधिकतम रिकॉर्ड हुआ है, जबकि औसतन 33.9 रहना चाहिए। ऐसे में बारिशों के दिनों में इस बार औसत पारे में सीधे 3 डिग्री बढ़ोतरी दर्ज हुई है। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार साल 2020 में 37.2 डिग्री अधिकतम पारा औसत था। ऐसे में इस बार इसमें और बढ़ौतरी हो चुकी है। कारण यही है कि बारिशें कम हो गई हैं और उमस के साथ गर्मी बढ़ने से हीटिंग भी अगस्त में काफी बढ़ चुकी है। न्यूनतम पारा भी इस बार 25 डिग्री तक रहा, जो सामान्य के करीब है।
3 माह की बारिश सामान्य
मानसून सीजन की 1 जून से लेकर 31 अगस्त तक की बारिश की बात करें तो आईएमडी के रिकॉर्ड के मुताबिक 397 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। जुलाई में इस बार बंपर बारिश रिकॉर्ड होने से अगस्त की बारिश को पहले ही कवर कर लिया था। ऐसे में भले ही अगस्त में कम बारिश हुई है, परंतु सामान्य बारिश का तीन महीने का कोटा सामान्य के मुकाबले अभी 6 फीसदी अधिक चल रहा है। लेकिन सितंबर में मानसून विदायगी की तरफ होने के चलते बारिश कम होने से ये कम होने के आसार हैं।
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