पंजाब के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू, ठेकेदार तेलूराम और आढ़ती कृष्ण लाल को विजिलेंस ने 2000 करोड़ के ट्रांसपोर्टेशन टेंडर घोटाले में गिरफ्तार किया है। आढ़ती कृष्ण लाल का तीन दिन का रिमांड एक और दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। विजिलेंस की टीम ने अब मामले में पूर्व DFSC और पनसप के एक निलंबित अधिकारी को भी नामजद किया है।
सेवानिवृत्त जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (DFSC) सुरिंदर कुमार बेरी, पनसप के जिला प्रबंधक जगनदीप ढिल्लों (अब निलंबित) इनके नाम हैं।विजिलेंस ब्यूरो ने घोटाले में कांग्रेस पार्षद रूपाली जैन के पति अनिल जैन और मुल्लांपुर दाखा नगर परिषद अध्यक्ष तेलू राम बंसल के भाई महावीर बंसल सहित दो कमीशन एजेंटों (आढ़तियों) को पहले ही नामजद किया हुआ है।
SSP विजिलेंस रविंदर पाल सिंह संधू ने बताया कि आढ़ती कृष्ण लाल धोती वाला व अन्य आरोपियों से पूछताछ में विजिलेंस ब्यूरो ने घोटाले में उनकी भूमिका संबंधी सवाल पूछे। आरोपी शैलरों के निविदा एवं परिवहन एवं भंडारण से संबंधित अनियमितताओं में संलिप्त थे, जिसमें फर्जी बिलिंग भी की जा रही थी। अब उन शैलरों को गिरफ्तार किया जाना है। आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
कृष्ण लाल को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। ठेकेदार तेलू राम और पूर्व कांग्रेस मंत्री भारत भूषण आशु के बाद वह इस मामले में गिरफ्तार होने वाला तीसरा आरोपी है। जांच के दौरान पता चला कि कृष्ण लाल उत्तर प्रदेश और बिहार से सस्ते दामों पर अनाज खरीदता था और पंजाब में ऊंचे दामों पर बेचता था। आरोपी के शैलर से यूपी और बिहार का बड़ी मात्रा में बारदाना मिला है। गिरफ्तार के दौरान 12 लाख कैश मिले थे।
आरोपी महावीर बंसल और अनिल जैन पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि दोनों कमीशन एजेंट (आढ़ती) हैं। हालांकि उन्हें अनाज के रख-रखाव के लिए अपने स्वयं के शैलर आवंटित किए गए थे। शिकायतकर्ता ने अपने बयानों में यह भी आरोप लगाया कि दोनों दूसरे राज्यों से तस्करी करके लाए गए खाद्यान्न की फर्जी बिलिंग में शामिल हैं, लेकिन इन आरोपों की जांच अभी की जा रही है।
विजिलेंस ब्यूरो ने कृष्ण लाल को कथित तौर पर दूसरे राज्यों से अनाज की तस्करी करने, पंजाब के अनाज में मिलाने और आगे बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ब्यूरो ने गणपति एग्रो राइस मिल, केएल एग्रो, सुरिंदर एग्रो और सिंगला एग्रो सहित उसके 4 शैलर पर छापेमारी की थी और लगभग 2,500 बैग (बरदाना) बरामद किया था, जिस पर स्टेप उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग के सीजन 2020/21 की है।
बता दें कि विजिलेंस ब्यूरो ने ठेकेदार तेलू राम, संदीप भाटिया और जगरूप सिंह, पूर्व मंत्री आशु, उनके सहयोगी पंकज मीनू मल्होत्रा और इंद्रजीत इंदी, कमीशन एजेंट कृष्ण लाल और पूर्व उप निदेशक राकेश सिंगला सहित 8 आरोपियों के खिलाफ घोटाला करने मामला दर्ज किया। आशु को विजिलेंस ब्यूरो ने 22 अगस्त को गिरफ्तार किया। वह पटियाला जेल में बंद है। अदालत उसकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। अन्य आरोपी फरार हैं।
आशू पर 20-25 लोगों को फायदा पहुंचाने का आरोप
पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू पर 2 हजार करोड़ के टेंडर घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है। आशू पर छोटे ठेकेदारों ने आरोप लगाए थे कि पंजाब की मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन के टेंडर में गड़बड़ी की गई। छोटे ठेकेदारों को नजरअंदाज करके 20-25 लोगों को फायदा पहुंचाया गया। हालांकि आशू का कहना है कि यह टेंडर DC की अगुवाई वाली कमेटियां अलॉट करती हैं। उनके खिलाफ साजिश के तहत आरोप लगाए जा रहे हैं।
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