बीते कुछ दिनों से पशुओं में चमड़ी की एक रहस्यमय बीमारी देखने को मिल रही है। जिसे लेकर पशु पालक चिंतित हैं। गांव भरथला में गाय चराने वाले चरवाहों की 250 में से 20-25 के करीब गाय एेसी हैं जिनमें ये बीमारी पाई गई है। इस बीमारी से पहले तो गायों के शरीर पर रसौली नुमा उभार पैदा हो जाते हैं तथा फिर उसमें से पानी निकलना शुरू हो जाते हैं। इस पानी से पूरे शरीर पर जख्म होने शुरू हो जाते हैं। हरियाना राज्य से गाय लेकर आए चरवाहों ने बताया कि गायों में फैल रही इस बीमारी के डर से कुछ लोग उन्हें गायों को चराने से भी मना कर ते हैं, लेकिन इन्हें परेशानी में देखते हुए इनकी मदद के लिए गांव भरथला का एक युवक भिंदा आगे आया है।
जिसने अपनी जमीन में उन्हें गाय रखने के लिए कहा तथा गायों की इलाज के लिए डाक्टरों तक भी पहुंच की। चरवाहों ने बताया कि वह बीमारी गायों के इलाज के लिए अब तक 70 हजार रुपए खर्च चुके हैं, लेकिन गायों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। उन्होंने बताया कि गायों के लगाए जाने वाले एक टीके की कीमत करीब 1 हजार रुपए है तथा उन्होंने किसी से 70 हजार रुपए लेकर गायों के इलाज के लिए खर्च किए हैं लेकिन बीमारी पर काबू नहीं हो रहा। इस दौरान समाजसेवी पंडित शिव शर्मा ने कहा कि पशुओं में फैल रही रहस्यमय बीमारी के कारण गाय दम तोड़ रही हैं।
उन्होंने प्रदेश की मान सरकार से मांग की कि इस बीमारी की चपेट में आ रहे पशुओं का इलाज मुफ्त किया जाए तथा पशु पालन विभाग को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जाएं। दूसरी ओर पशुओं के लिए पशुओं के लिए इलाज के लिए खोली गई गांव में डिस्पैंसरी पिछले लंबे समय से बंद पड़ी है। उसमें कोई भी स्टाफ नहीं है। इसके अलावा जिला, तहसील या बड़े कस्बे में खुले पशु अस्पतालों में भी स्टाफ की भारी कमी है। जिस कारण लोगों को पशुओं के इलाज महंगे भाव में करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। लोगों ने मांग की कि जहां भी पशु डिस्पेंसरियां बंद पड़ी हैं, उन्हें चलती हालत में करके संबंधित स्टाफ तैनात किया जा सके। ताकि लोग अपने बीमार पशुओं का इलाज करवा सकें।
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