पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की लहर इस कदर रही कि अकाली दल और कांग्रेस मिलकर भी उनके बराबर वोट नहीं ला सके। 92 सीटें जीतने वाली आप को 42% वोट मिले। वहीं अकाली दल के 18.4% और कांग्रेस के 23% मिलाकर भी 41.4% ही पहुंच सके। कांग्रेस को इस चुनाव में 2017 के मुकाबले 15.5% वोट का नुकसान हुआ। वहीं अकाली दल को 6.8% वोटों का नुकसान हुआ। आम आदमी पार्टी के वोट % में 18.3% का उछाल आया। इसके अलावा 117 में से टॉप लीड वाले 47 कैंडिडेट भी आम आदमी पार्टी के ही हैं।
इन सीटों पर सिर्फ AAP, बाकी सब साफ
पंजाब चुनाव में 11 सीटें ऐसी रहीं, जहां हार-जीत का अंतर 50 हजार से ज्यादा रहा। यहां विरोधी पार्टियों के उम्मीदवार मुकाबले में नजर नहीं आए।
आप के 10 विजेता उम्मीदवार 35 से कम आयु के
आम आदमी पार्टी के नए चुने 10 उम्मीदवारों में ऐसे हैं, जिनकी उम्र 35 साल से कम है।
पंजाब विधानसभा में 12 डॉक्टर, 9 AAP के
पंजाब विधानसभा के इतिहास में पहली बार 12 डॉक्टर चुनाव जीतकर MLA बने हैं। इनमें 9 आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुने गए। इसके अलावा एक-एक MLA कांग्रेस, बसपा और शिअद के हैं।
(इनके अलावा चब्बेवाल से डॉ. राजकुमार, नवांशहर से बसपा उम्मीदवार डॉ. नच्छत्तर पाल और बंगा से शिअद के डॉ. सुखविंदर कुमार सुक्खी जीते हैं।)
AAP के पक्ष में माहौल ऐसा कि दूसरे दलों से आए नेता भी जीते
आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल इस कदर रहा कि दूसरे दलों से वह नेता भी यहां आकर चुनाव जीत गए, जिन्हें उनकी पार्टी ने टिकट देने के काबिल नहीं समझा। इनमें लंबी से प्रकाश सिंह बादल को हराने वाले गुरमीत खुडि्डयां और जलालाबाद से सुखबीर बादल को हराने वाले जगदीप गोल्डी कंबोज कांग्रेस से आए। बठिंडा में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को हराने वाले जगरूप गिल और लुधियाना वेस्ट में मंत्री भारत भूषण आशू को हराने वाले गुरप्रीत गोगी भी कांग्रेस से आए। जालंधर वेस्ट वाले शीतल अंगुराल भाजपा, साहनेवाल से हरदीप मुंडिया कांग्रेस, बठिंडा देहाती से अमित रतन कोटफत्ता, कुलवंत सिंह अकाली दल, नरिंदर सावना और मदन लाल बग्गा अकाली दल, कुलवंत सिद्धू कांग्रेस, दलजीत भोला कांग्रेस, अशोक पप्पी पराशर कांग्रेस, रमन अरोड़ा कांग्रेस से आए। इस लिस्ट में ऐसे और भी कई नेताओं के नाम शामिल हैं।
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