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2000 किसानों के गिरफ्तारी वारंट, अब बैकफुट पर AAP सरकार:वित्तमंत्री बोले- चन्नी सरकार ने जारी किए वारंट ; हमने रोक लगाई; 1150 करोड़ वसूलने थे

चंडीगढ़एक वर्ष पहले
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पंजाब में 2 हजार किसानों के गिरफ्तारी वारंट पर AAP सरकार अब बैकफुट पर आ गई है। सरकार की इस कार्यवाही से किसान यूनियनें गुस्से में आ गई थीं। उन्होंने पंजाब को सिंघु बॉर्डर बनाने की चेतावनी दे डाली थी। इसके बाद वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने सफाई दी कि यह वारंट पिछली कांग्रेस सरकार ने जारी किए थे, जिन्हें रोकने को कह दिया गया है। पंजाब में किसी किसान की गिरफ्तारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जितने भी वारंट जारी हुए थे, सब वापस ले लिए हैं।

कांग्रेस सरकार ने अंतिम वक्त में जारी किए थे वारंट

वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था। उन्होंने दिसंबर 2021 में कहा था कि 2 एकड़ से कम या ज्यादा जमीन वाले किसानों का कर्ज माफ होगा। हालांकि कर्ज माफ करने की जगह जाते-जाते उन्होंने किसानों के गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए। 2017 में भी कांग्रेस ने मुकम्मल कर्ज माफी की बात कही थी।

अफसरों ने री-इश्यू किए वारंट

अब पंजाब खेती विकास बैंक के कुछ अफसरों ने यही वारंट री-इश्यू कर दिए। पंजाब सरकार किसी किसान की गिरफ्तारी नहीं करेगी। हम पॉलिसी बना रहे हैं कि किसानों को कर्जे से कैसे बाहर निकाला जाए?। खेती को फायदेमंद बनाने और किसानों की उन्नति के लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है। किसान को हम कर्जे से बाहर निकालेंगे।

संयुक्त समाज मोर्चा नेता राजेवाल ने इसकी आलोचना कर चेतावनी दी थी
संयुक्त समाज मोर्चा नेता राजेवाल ने इसकी आलोचना कर चेतावनी दी थी

किसानों के कर्जे और खुदकुशी के लिए विरोधी जिम्मेदार

पिछली कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा की सरकारों ने पंजाब के किसानों को कर्जे में डुबो दिया। किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो गए। इन्होंने कोई पॉलिसी नहीं बनाई। उलटा गलत पॉलिसी बना किसानों को मजबूर किया जाए।

पंजाब में 60 हजार किसान डिफॉल्टर

​​​​​​​पंजाब में करीब 71 हजार किसानों से 3200 करोड़ का कर्जा बकाया है। इनमें से 60 हजार किसान डिफॉल्टर हो चुके हैं। उन पर 2300 करोड़ का कर्जा बकाया है। यह किसान सरकार की खेती कर्जा माफी स्कीम के अधीन नहीं आ सके थे। इसमें से ही 1150 करोड़ वसूल करने की तैयारी थी। पिछले सीजन में बैंक सिर्फ 200 करोड़ ही वसूल कर सके थे।