पंजाब में लोग भगवंत मान सरकार की मुफ्त बिजली वाली शर्त का तोड़ निकालने में जुट गए हैं। इसके लिए घर में लोग 2 मीटर लगवा रहे हैं, ताकि उनका एक मीटर का बिल 600 यूनिट से ज्यादा न हो। वहीं घर का लोड कम करवाने के लिए भी पावरकॉम ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं, ताकि वह फ्री बिजली स्कीम का पूरा फायदा ले सकें। ऑफिस में उमड़ती भीड़ देख कर्मचारी भी हैरान हैं। अब उन्होंने सीनियर अफसरों को इस बारे में सूचना दी है। इसे लेकर बड़े अफसर माथापच्ची करने में जुट गए हैं। अभी तक एक घर में फ्लोरवाइज मीटर अलग-अलग मीटर न लगाने को लेकर कोई पाबंदी नहीं है।
यह है मुफ्त बिजली स्कीम
पंजाब की AAP सरकार ने हर घर को 2 महीने में 600 यूनिट बिजली फ्री की है। अगर कनेक्शन एक किलोवॉट तक का है तो इससे ज्यादा बिल आने पर सिर्फ अतिरिक्त यूनिट का ही बिल देना होगा। अगर कनेक्शन लोड एक किलोवॉट से ज्यादा है तो फिर 600 से ज्यादा होने पर पूरा बिल देना होगा।
ऐसे निकाला तोड़
लोग घर में 2 मीटर लगवा रहे हैं। ऐसे में उनकी मुफ्त बिजली यूनिट का दायरा डबल यानी 1200 हो जाएगा। फिर वह एक ही घर में डबल बिजली इस्तेमाल करेंगे तो भी प्रति बिल यह मुफ्त हो जाएगा। इसी तरह अगर कनेक्शन एक किलोवॉट का हो गया तो उन्हें सिर्फ 600 के ऊपर अतिरिक्त यूनिट का ही बिल देना होगा। बठिंडा में पावरकॉम सुपरवाइजर गुरदर्शन सिंह ने पुष्टि की कि पहले 60 के मुकाबले अब करीब 200 नए मीटर के आवेदन आने लगे हैं।
पहले CM मान ने बताई शर्त
पहले CM भगवंत मान ने घोषणा की थी कि हर घर को प्रतिमाह 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। पंजाब में बिल 2 महीने बाद आता है। ऐसे में एक बिल में 600 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। SC, BC, फ्रीडम फाइटर्स और BPL परिवारों को इससे ज्यादा यूनिट खर्च होने पर सिर्फ 600 से ऊपर यूनिट का ही बिल देना होगा। वहीं जनरल कैटेगरी को 600 से ज्यादा होने पर पूरा बिल देना होगा।
फिर बिजली मंत्री ने दी सफाई
इसको लेकर बवाल हो गया कि मान सरकार जनरल कैटेगरी के साथ धक्केशाही कर रही है। फिर बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने सफाई दी कि एक छूट सिर्फ 1 किलोवॉट तक लोड वाले कनेक्शन पर मिलेगी। अगर इससे ज्यादा का कनेक्शन हुआ तो 600 यूनिट से ज्यादा खर्च होने पर पूरा बिल देना होगा। जो परिवार इनकम टैक्स भरता है, उन्हें भी इसका फायदा नहीं मिलेगा। इसमें SC कैटेगरी को भी शामिल कर लिया गया।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.