पंजाब के पूर्व CM चरणजीत सिंह चन्नी के भानजे भूपिंदर सिंह हनी ने रेगुलर बेल के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। रेत खनन माफिया से अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के बदले 10 करोड़ रुपए लेने से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हनी को गिरफ्तार किया था। इस समय हनी न्यायिक हिरासत में जेल में है।
हनी ने जालंधर अदालत में जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान ED और बचाव पक्ष के वकीलों में बहस हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
ED का दावा- हनी ने माना 10 करोड़ लिए
ED अधिकारियों ने जनवरी-फरवरी में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले हनी के घर से 10 करोड़ रुपए बरामद किए थे। ED अधिकारियों ने दावा किया था कि पूछताछ में हनी ने खनन विभाग में अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग की एवज में यह रकम खनन माफिया से लेने की बात कबूल की।
ED कर चुकी चन्नी से भी पूछताछ
ED के अधिकारी इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी से भी पूछताछ कर चुके हैं। ED ने समन भेजकर चन्नी को तलब किया। चन्नी ने जालंधर स्थित ED दफ्तर पहुंचकर अपने बयान दर्ज करवाए। ED अधिकारियों ने चन्नी से उनके भानजे भूपिंदर सिंह हनी के साथ की गई यात्राओं के बारे में कई सवाल पूछे। ED दफ्तर में पेशी के बाद खुद चन्नी से ट्वीट करके बताया था कि उन्होंने ED अधिकारियों के सवालों के जवाब दिए हैं।
लोअर कोर्ट से खारिज हो चुकी याचिका
भूपिंदर सिंह हनी ने 20 अप्रैल 2022 को जालंधर अदालत में रेगुलर बेल के लिए याचिका दायर की थी। 27 अप्रैल 2022 को दोनों पक्षों के वकीलों में अदालत में अपना-अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 30 अप्रैल को तय की। 30 अप्रैल को कोर्ट ने 2 मई और फिर 2 मई को सुनवाई आगे बढ़ाते हुए 4 मई की तारीख दे दी। 4 मई को जालंधर अदालत ने हनी की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी।
कोर्ट में ED ने कहा- 325 करोड़ का है मामला
ED की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता लोकेश नारंग ने कहा था कि खनन माफिया से CM चन्नी के नाम का इस्तेमाल कर 10 करोड़ रुपए लेने वाले हनी के तार बहुत जगह जुड़े हैं। ED के वकील ने कोर्ट में कहा कि यह मामला सिर्फ 10 करोड़ रुपए का नहीं है, बल्कि जांच में पता चला है कि मुख्यमंत्री का नाम इस्तेमाल कर तकरीबन 325 करोड़ रुपए कमाए गए।
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