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दिल्ली आंदोलन में एक तरफ किसानों की रातें दिसंबर की सर्द रातें खुले आसमान के नीचे, फुटपाथों पर बीत रही हैं, दूसरी तरफ व्यापक जनसमर्थन दिनोंदिन उमड़ रहा है। किसानों को पंजाब व दूसरे राज्यों से डॉक्टरों, वकीलों, पहलवानों, खिलाड़ियों आदि का भरपूर समर्थन मिल रहा है। हरियाणा के हिसार जिले का बुजुर्ग किसान संधा राम (92) 4 दिनों से इस आस में यहां डटा है कि कृषि कानून को खत्म कर दिया जाएगा। सोनीपत जिले के गांव गंढीकुडल का पहलवान अनमोल राणा भी आंदोलन में शामिल है। कुरुक्षेत्र जिले के गांव बकाली के 7 नौजवान भी पीछे क्यों रहना चाहें, वे बिसलेरी पानी की बोतलों का बडा कैंटर यहां लाए हैं। हरियाणा की इंडियन एसोसिएशन ऑफ लायर्स के वकीलों ने बैनर टांग दिया और शुक्रवार को किसानों का साथ देने का खम ठोक दिया। उन्होंने सिंघु ऑर्डर पर प्रदर्शन किया।
आंदोलन ने मिटाई पारिवारिक दूरियां : कई किसानों से बातचीत से सामने आया कि इस आंदोलन ने कई परिवारों में भाइयों या सगे-संबंधियों के बीच वर्षों से जारी नाराजगी व दूरियां समाप्त कर दी। गुरुहरसहाए के गांव रणजीतगढ़ के शमिंदर सिंह व जसविंदर सिंह के अनुसार, वे आपस में चाचा, ताया के बेटे हैं। उनके परिवारों में करीब 15 वर्षों से मामूली बात को लेकर नाराजगी थी।
जब वे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे तो इस संघर्ष के दौरान उनके बीच बरसों से चली आई खटास दूर हो गई। अब वे दोनों भाई एक साथ आंदोलन में हिस्सा लेते हैं, साथ भोजन बनाते हैं और दूसरे किसानों में बांटते हैं। मुक्तसर के गांव भुट्टीवाला के किसान करन सिंह ढिल्लों ने बताया कि उसके अपने चाचा के साथ करीब 10 सालों से बोलचाल बंद थी।
वह आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचा तो उसे चाचा का फोन आया कि बेटा, खेत की फिकर मत करना, तेरी फसल में संभाल लूंगा, तू आंदोलन में जीत प्राप्त करके ही घर लौटना। उसने भावुक होते हुए कहा जब उसे बरसों बाद चाचा का फोन आया कि उसकी आंखों से खुशी से आंसू निकल गए।
देशभर से समर्थन,दवा लेकर पहुंच रहे हैं एमपी और बंगाल के डॉक्टर
सतर्कता: आंदोलन को शरारती तत्वों से बचाएगी ये टी-शर्ट
होशियारपुर | दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में कोई गलत व्यक्ति शरारत न कर पाए और शामिल न हो इसको रोकने के लिए किसान जत्थेबंदियों ने एक नायाब तरीका ढूढ लिया है। आंदोलन में शामिल हो रहे लोगों को संबंधित जत्थेबंदी का नाम और लोगो की छपाई हुई टी-शर्ट बांटी जाएगी। इसके लिए पूरे पंजाब में टी-शर्ट तैयार की जा रही है। यह उन लोगों में बांटी जाएगी जो अंदोलनकारी किसान हैं। इससे पता चलेगा कि आंदोलन कर रहा किसान किस जत्थेबंदी के साथ संबंधित है। वहीं वो लोोग पकड़ में आ जाएंगे जो अंदोलन की आड़ में शरारत करेंगे। जत्थेबंदियों ने यह फैसला इस लिए लिया है क्योंकि कि जैसे आंदोलन आगे बढ़ रहा है वैसे आंदोलन फेल करने की कोशिश की जा सकती है। होशियारपुर भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) का गढ़ माना जा रहा है। इस यूनियन के अध्यक्ष मनजीत सिंह राय भी उन किसान नेताओं में शामिल हैं जो 31 किसान जत्थेबंदियों केे नेता सरकार से बातचीत करने जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस जत्थेबंदी की टी-शर्ट शाही मार्केट में एक प्रिटिंग की दुकान पर तैयार होकर लगातार दिल्ली जा रही है और अब तक 5 हजार के करीब टी-शर्टस तैयार होकर दिल्ली भेजी जा चुकी है।
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