पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू ने CM भगवंत मान के पहले 'जनता दरबार' की जमकर बखिया उधेड़ी। सिद्धू ने कहा कि एक आदमी 3 करोड़ पंजाबियों की मुश्किलें नहीं सुन सकता। सिद्धू ने सवाल उठाया कि एक आदमी के आगे मुद्दे हल करवाने के लिए लोग घंटों का सफर क्यों करें?। सरकार उनके घर जाकर क्यों नहीं मुश्किलें सुनती।
असल में CM भगवंत मान ने चंडीगढ़ के पंजाब भवन में 'लोक मिलनी' के नाम से फरियादें सुनी। पहले इसे जनता दरबार का नाम दिया गया था। जिसमें सिर्फ चुनिंदा लोगों को मान से मिलने का मौका मिला। जिस वजह से दूसरे लोगों ने हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया।
सिद्धू की मान को सीख
नवजोत सिद्धू CM भगवंत मान को सीख देने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि जनता दरबार तभी कामयाब हो सकता है, अगर वह तहसील और सब तहसील स्तर पर हो। जिसमें सरकारी अफसर भी विधायक समेत मौजूद हों। सिद्धू ने कहा कि एक आदमी नहीं बल्कि कलेक्टिव डीसेंट्रलाइज्ड कोशिश से इसमें कामयाबी मिल सकती है। सिद्धू ने कहा कि सरकार को लोगों के घर जाना चाहिए। इससे एनर्जी और समय बचेगा। उन्होंने इसके लिए ई-गवर्नेंस को सबसे बेहतर बताया।
बादल गांवों, कस्बों और जिलों में करते थे संगत दर्शन
इससे पहले 5 बार पंजाब के CM रहे प्रकाश सिंह बादल भी ऐसी पहल करते रहे हैं। वह संगत दर्शन के नाम से लोगों की मुश्किलें सुनते थे। हालांकि वह जिला या विधानसभा क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिलते थे। इसके अलावा कई बार कस्बों और गांवों में भी अफसरों को बुलाकर लोगों की समस्याएं सुनते थे।
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