सुनील जाखड़ के कांग्रेस छोड़ने के बाद नवजोत सिद्धू ने खुलकर उनकी तारीफ की है। सिद्धू ने कहा - सुनील जाखड़ बेशकीमती नेता हैं। कांग्रेस को उन्हें गंवाना नहीं चाहिए। कोई भी मतभेद हो तो उसे बातचीत से सुलझाया जा सकता है।
सिद्धू की यह बातें इसलिए अहम हैं क्योंकि उन पर भी अनुशासनिक कार्रवाई की तलवार लटक रही है। उनके खिलाफ पंजाब प्रधान राजा वड़िंग की सिफारिश पर अनुशासन समिति के पास मामला पहुंच चुका है। इस मामले में सिद्धू पर भी कार्रवाई होनी तय है। कांग्रेस छोड़ने से पहले भी जाखड़ ने सवाल उठाया था कि नवजोत सिद्धू को किस बात का नोटिस दिया गया।
कुछ दिन पहले 45 मिनट की मुलाकात हुई थी
नवजोत सिद्धू और सुनील जाखड़ के बीच कुछ दिन पहले 45 मिनट की मुलाकात हुई थी। उस वक्त जाखड़ को नोटिस भी आ चुका था। दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसको लेकर कोई ब्यौरा नहीं दिया गया। हालांकि, यह चर्चा जरूर रही कि दोनों ने कांग्रेस में अपनी हालत को देखते हुए समर्थकों संग कोई फ्यूचर प्लानिंग की है।
जाखड़ को हटाकर ही सिद्धू को बनाया था प्रधान
सुनील जाखड़ का परिवार करीब 50 साल से कांग्रेस में है। पिता बलराम जाखड़ के बाद अब उनके विधायक भतीजे संदीप जाखड़ के रूप में तीसरी पीढ़ी कांग्रेस में है। जाखड़ राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह के CM रहते जाखड़ पंजाब कांग्रेस प्रधान थे। कांग्रेस ने उन्हें हटाकर ही नवजोत सिद्धू को प्रधान बनाया था। तब यह माना गया कि हरीश रावत की वजह से संगठन के नेतृत्व में यह बदलाव किया गया।
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