बेअदबी मामले में सरकारें व सियासी पार्टियां सियासत खेल रही हैं। डेरा सच्चा सौदा का एक बड़ा वोट बैंक है और 2022 के चुनाव देखते हुए ऐसा किया जा रहा है। यह कहना है श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का। उन्होंने कहा कि अकाल तख्त से पहले भी इस मामले में सियासत न करने के बारे में कहा जा चुका है।
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि जिस समय बरगाड़ी कांड और बुर्ज जवाहर सिंह वाला में बेअदबी की घटना हुई तो वह मुक्तसर साहिब में हेड ग्रंथी के तौर पर सेवा निभा रहे थे। वह खुद दोनों जगहों पर गए थे। बरगाड़ी मामले में महिंदरपाल बिट्टू के साथ-साथ डेरा सच्चा सौदा के मुखी बाब राम रहीम को भी नामजद किया था। उसके बाद बुर्ज जवाहर सिंह वाला में भी डेरा सच्चा सौदा के मुखी को नामजद किया गया।
अब दो दिन पहले जो दूसरी SIT ने चुपचाप बुर्ज जवाहर सिंह वाला मामले में चालान पेश कर दिया है, उसमें सच्चा सौदा के मुखी को बाहर निकाल दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ हाईकोर्ट इन मामलों में कह चुकी है कि बरगाड़ी कांड और बुर्ज जवाहर सिंह वाला की घटनाएं एक जैसी हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सियासत हो रही है, जिसमें केंद्र भी शामिल हो सकता है।
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दुख जताया कि इतना कुछ होने के बाद भी धार्मिक जत्थेबंदियां चुप बैठी हुई हैं। उन्होंने इस मसले को उठाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को श्री दमदमा साहिब में विश्व की जत्थेबंदियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें 100 से अधिक जत्थेबंदियां पहुंचेंगी। इस बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।
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