पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत में अहम नाम समाना से विधायक बने चेतन सिंह जौड़ामाजरा भी है। संघर्षपूर्ण जीवन से ऊपर उठकर वह MLA बने। 4 साल की उम्र में पिता को खोने के बाद उन्होंने साउथ कोरिया में फैक्ट्री में काम किया। लड़की को बदमाशों से बचाने के लिए गोलियां खाई। वापस लौटकर आम आदमी पार्टी के जरिए वह समाना से जीतने में कामयाब रहे। दैनिक भास्कर से चेतन जौड़ामाजरों ने एक्सक्लूसिव बातचीत की....
सवाल : अपने जिंदगी के बारे में बताईए
चेतन सिंह जौड़ामाजरा : मेरा सफर बहुत संघर्षपूर्ण रहा। जब में 4 साल का था तो पिता का निधन हो गया। मेरे बड़े भाई प्रितपाल सिंह जौड़ामाजरा छठवीं में पढ़ते थे, उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और हल पकड़ लिया। परिवार की जिम्मेदारी उठाई। मां सुरजीत कौर आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन वह जरूर खुश होंगी कि उनके परिवार को समाना में बहुत नाम मिला। हमने मुश्किल से अपना गुजारा किया। जिसके बाद आज जौड़ामाजरा MLA बना है।
सवाल : कुछ वक्त के लिए आप विदेश भी गए थे, वहां क्या किया?
चेतन सिंह जौड़ामाजरा : सबको मालूम है कि हमारे देश में रोजगार की बहुत कमी है। 1999 में मैं साउथ कोरिया चला गया। वहां 6-7 साल फैक्ट्रियों में काम किया। काम वही था जो लोग कनाडा-अमरीका जाकर करते हैं। वहां दिहाड़ी की। यहां आकर कंस्ट्रक्शन का काम किया। एक समय था जब हम स्कूटर लेने के काबिल तक नहीं थे।
सवाल : आपने दोस्त की गाड़ी में चुनाव प्रचार किया?
चेतन सिंह जौड़ामाजरा : मेरी गाड़ी का टायर फटा हुआ है। मेरे दोस्त नीटा चीमा ने मुझे अपनी स्कॉर्पियो दे दी। उसी में मैंने चुनाव लड़ा। जिस दिन मुझे टिकट मिली तो दोस्त ने गाड़ी दे दी। तेल भी वही डलवाकर देता रहा। प्रचार में दूसरे दोस्तों ने अपनी गाड़ियां दी और तेल भी उन्होंने डलवाया। मेरा पास तो पैसा नहीं था। गुरदेव टिवाना, बलकार सिंह, लखनदीप लाडी जैसे कई दोस्तों ने अपना काम छोड़कर मेरे लिए काम करते रहे। मुझे चुनाव लड़वाया। मेरे पास तो जो वैगनॉर गाड़ी थी, उसे जो चलाता, वही तेल डलवाता था।
सवाल : आपको गोली लगी थी, वह क्या मामला था?
चेतन सिंह जौड़ामाजरा : 2019 में हरमंदिर साहिब और तरनतारन साहिब में माथा टेकने गया था। वहां से मैं बस में आ रहा था। मैंने देखा कि पट्टी में 6 लड़के एक लड़की को जबरन गाड़ी में डाल रहे हैं। वहां 200-250 लोग खड़े थे। मैं भी दूसरों की तरह वीडियो बनाता लेकिन फिर सोचा कि यह लड़के लड़की को ले जाएंगे।
मैंने लड़की को छुड़ाने की कोशिश की तो लड़के ने पिस्टल निकाल ली। उन्होंने जान से मारने की धमकी दी। मैंने लड़की को छुड़ा लिया लेकिन उसने मुझे 2 गोलियां मारी। मुझे लगा मेरी बांह कट गई। फिर मुझे पट्टी, तरनतारन और अमृतसर जाकर इलाज करवाया। तब मैं यह सोच रहा था कि मौत इतने नजदीक से गुजर गई। मेरे बच्चों का क्या होगा, लेकिन लड़की की जान बचाने से संतुष्ट था।
सवाल : चुनाव प्रचार कैसा रहा?
चेतन सिंह जौड़ामाजरा : सब मुझे कहते थे कि मैं पैसों की वजह से हारूंगा। मेरे पास पैसा नहीं था। मुझे यकीन था कि मैं जीतूंगा कि क्योंकि मेरे पास टीम है, जो डोर टू डोर प्रचार कर रही थी। बड़ी लंबी लिस्ट है, जिन लोगों ने मेरे लिए काम किया। लोगों ने अपना कारोबार छोड़कर मेरे लिए प्रचार किया।
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