पंजाब में करप्शन के केस में 2008 बैच के सीनियर IAS अफसर संजय पोपली को गिरफ्तार किया है। पोपली के साथ सीवरेज बोर्ड के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर संजय वत्स को भी पकड़ा गया है। संजय पोपली ने सीवरेज बोर्ड में रहते 7.3 करोड़ के सीवरेज प्रोजेक्ट में 1% कमीशन मांगा था। इसकी पहली किश्त दे दी गई थी। हालांकि दूसरी किश्त का दबाव डाले जाने पर रिकॉर्डिंग सरकार तक पहुंच गई। जिसके बाद सोमवार देर रात पोपली को चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया। पोपली इस वक्त पेंशन डायरेक्टर थे। इन दोनों को आज मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
नवांशहर का था प्रोजेक्ट, कांग्रेस सरकार के वक्त हुई डीलिंग
करनाल के गवर्नमेंट कांट्रैक्टर संजय कुमार ने इसकी शिकायत की थी। जिसमें बताया कि संजय पोपली पिछली कांग्रेस सरकार में वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड के CEO थे। इस दौरान नवांशहर में 7.30 करोड़ का प्रोजेक्ट बना। जिसकी अलॉटमेंट के बदले पोपली ने 1% कमीशन यानी 7 लाख की रिश्वत मांगी। ठेकेदार के मुताबिक 12 जनवरी 2022 को उन्हें कॉल आई कि पोपली रिश्वत मांग रहे हैं। इससे डरकर उन्होंने अपने PNB के खाते से 3.50 लाख रुपए निकालकर विभाग के ही सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (SE) संजीव वत्स को चंडीगढ़ में दे दिए।
बकाया 3.50 लाख मांगे तो रिकॉर्डिंग कर ली
विजिलेंस के मुताबिक पोपली इसके बाद पोपली बकाया 3.50 लाख रुपए मांगने लगे। जिसके बाद ठेकेदार ने इसकी कॉल रिकॉर्ड कर ली। बाद में इसे मुख्यमंत्री की एंटी करप्शन हेल्पलाइन में भेज दिया। मामला सही होने पर विजिलेंस ने पोपली को उनके चंडीगढ़ के सेक्टर 20 स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। उनके साथी आरोपी संजीव वाट्स को जालंधर से गिरफ्तार किया गया।
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