शिवसेना नेता हरीश सिंगला को कोर्ट ने 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। सिंगला ने ही खालिस्तान विरोधी मार्च की अगुआई की थी। जिसके विरोध पर सिख कट्टरपंथियों और शिवसेना के बीच टकराव के बाद पटियाला में हिंसा हुई। कोर्ट में पेशी के दौरान सिंगला ने पुलिस प्रशासन पर हालात संभालने में फेल होने के आरोप लगाए। फिलहाल पूरे मामले में अब पुलिस सिंगला से खालिस्तान विरोधी मार्च निकालने की पूरी कहानी उगलवाएगी।
4 दिन का रिमांड मांगा था
सरकारी वकील ने कोर्ट में 4 दिन का पुलिस रिमांड मांगा था। उन्होंने दलील दी कि हरीश सिंगला को किसने मार्च निकालने को कहा?। इसमें और उसके साथ कौन-कौन शामिल है। उसकी तार किससे जुड़ी हुई हैं। इस बारे में पूछताछ के लिए समय चाहिए। हालांकि सिंगला के वकील ने इसका विरोध किया। जिसके बाद कोर्ट ने 2 दिन का ही पुलिस रिमांड दिया।
शिवसेना कर चुकी निष्कासित
हरीश सिंगला के विरोध मार्च से हिंसा के बाद शिवसेना बाल ठाकरे से उन्हें निकाल दिया गया है। शिवसेना का कहना है कि इस मामले में पार्टी से कोई मंजूरी नहीं ली गई। हालांकि सिंगला ने अपने निलंबन को गलत करार देते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ उद्धव ठाकरे ही निलंबित कर सकते हैं।
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