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मैक्सिमम सिक्योरिटी जेल में बैठे गैंगस्टर्स का फर्जीवाड़ा:NDRF की तर्ज पर बनाई SDRF की वेबसाइट, महिला से शादी करने और दिव्यांग बेटे को सैट करने का दिया झांसा

नाभा (पटियाला)/राकेश कुमार2 वर्ष पहले
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एसडीआरएफ नाम से नकली वेबसाइट बनवाकर चलाने वाले अमन और सुनील नामक गैंगस्टर्स। - Dainik Bhaskar
एसडीआरएफ नाम से नकली वेबसाइट बनवाकर चलाने वाले अमन और सुनील नामक गैंगस्टर्स।
  • जेल से मोबाइल बरामद होने के बाद प्रोडक्शन वारंट पर लेकर की गई पूछताछ में खुले राज

नाभा की मैक्सिमम सिक्योरिटी जेल से एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था। यहां बंद 2016 के जेल ब्रेक के लुधियाना निवासी आरोपी गैंगस्टर सुनील कालड़ा और कुरुक्षेत्र अमन उर्फ अमना ने केंद्र सरकार के उपक्रम एनडीआरएफ की तर्ज पर एसडीआरएफ बना डाली। एनडीआरएफ के सरकारी चिह्नों को इस्तेमाल करके नकली वेबसाइट बनाई और लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया। यह वेबसाइट होशियारपुर की एक तलाकशुदा महिला को शादी करने और उसके दिव्यांग बेटे को एसडीआरएफ में सैट करवाने के झांसा देकर उसी से बनवाई है। इससे भी हैरानी की बात है इस राज का खुलना।

दरअसल, मई 2021 में जेल में बंद अमन के पास एक मोबाइल फोन बरामद हुआ था। कोतवाली पुलिस ने कॉल डिटेल लैब से मिले डाटा और कई अन्य तथ्यों का मिलान किया तो साफ हो गया कि अमन और सुनील कालड़ा मिलकर एक नकली वेबसाइट चला रहे हैं। 17 जून को कोतवाली पुलिस ने गैंगस्टर अमन और सुनील कालड़ा के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करके अमन को कोर्ट से 1 दिन के प्रोडक्शन वारंट पर लिया।

नकली वेबसाइट रैकेट संबंधी जानकारी देते कोतवाली इंचार्ज सुरेंद्र भल्ला।
नकली वेबसाइट रैकेट संबंधी जानकारी देते कोतवाली इंचार्ज सुरेंद्र भल्ला।

खुद को एसडीआरएफ में बड़े अधिकारी बताया था दोनों ने

पूछताछ में अमन ने अपने और सुनील कालड़ा के कई राज उगल दिए। इसके बाद दोनों को एक साथ 3 दिन के प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पहले अलग-अलग और फिर आमने-सामने बिठाकर पड़ताल की तो खुलासा हुआ कि दोनों ने वेबसाइट बनाने में माहिर होशियारपुर की एक महिला और उसके भाई को जेल में बैठकर ही मोबाइल से संपर्क करके खुद को एसडीआरएफ में बड़े अधिकारी बताया। आईपीएस रैंक का अधिकारी बनकर धोखाधड़ी के कई कांड कर चुके अमन ने इसी वर्दी में खिंचवाई गई पुरानी तस्वीर रौब जमाने के लिए होशियारपुर की महिला से वॉट्सऐप पर भेज दी। फिर फोन पर बात करके कहा कि वह एसडीआरएफ में बड़े रैंक का अधिकारी है और उसका भी तलाक हो चुका है। इस बिनाह पर उसने महिला से शादी कर लेने और उसके दोनों आंखों से अशक्त बेटे को अडॉप्ट करके विभाग में नौकरी देने का झांसा दिया। इसी बात से भावुक हो महिला और उसके भाई गैंगस्टरों के झांसे में आ गए। उसने एसडीआरएफ के नाम से वेबसाइट बनाकर लिंक और कंट्रोल भेज दिया।

धरी रह गई नौकरी दिलाने के नाम पर 500-500 रुपए वसूलने की तैयारी

थाना कोतवाली इंचार्ज सुरेंद्र भल्ला के मुताबिक दोनों शातिर अपराधियों का इरादा इस वेबसाइट के जरिए लोगों से इस विभाग में वालंटियर के तौर पर नौकरी दिलाने के नाम पर 500-500 रुपए वसूलकर बड़ी ठगी का था। तैयारी पूरी कर ली थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस के हाथ दोनों के गिरेबां तक पहुंच गए। बताया जाता है कि नकली वेबसाइट का पता चलने पर एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग की अगुवाई में एक स्पेशल टीम बनाई गई। पुलिस एक्शन और जेल की गतिविधियां नाभा के डीएसपी राजेश छिब्बर ने संभाली। साथ ही डीएसपी पटियाला सिटी 2 सौरभ जिंदल ने इंटरनेट और वेबसाइट से जुड़ी तकनीक में हासिल अपने अनुभव को इस्तेमाल किया।

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