पंजाब के दिग्गज नेता सुनील जाखड़ नई सियासी पारी शुरू करने की तैयारी में हैं। उन्होंने 2 दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ी। इसके बाद सोमवार को वह अचानक दिल्ली रवाना हो गए। वहां उनके BJP या आम आदमी पार्टी (AAP) के सीनियर नेताओं से मुलाकात हो सकती है। हालांकि, औपचारिक तौर पर जाखड़ के उनके करीबी कुछ नहीं कह रहे हैं। उनके भाजपा में जाने की चर्चा है, लेकिन जाखड़ का कद देख आम आदमी पार्टी भी उन्हें साथ में जोड़ सकती है।
कांग्रेस छोड़ने से पहले सोशल मीडिया पर लगाया तिरंगा
सुनील जाखड़ ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ने के संकेत दे दिए थे। जाखड़ ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर तिरंगा लगा दिया था। राष्ट्रवाद को लेकर भाजपा की नीति हमेशा स्पष्ट रही है। वहीं आम आदमी पार्टी भी जगह-जगह चुनाव प्रचार में तिरंगे का सहारा लेती है। ऐसे में जाखड़ किस तरह जाएंगे, इसको लेकर कयास लग रहे हैं।
कैप्टन बनेंगे भाजपा और जाखड़ के बीच मध्यस्थ?
जाखड़ की भाजपा में एंट्री में पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह मध्यस्थ बन सकते हैं। इसकी वजह जाखड़ का कैप्टन के करीबी होना है। कैप्टन के CM रहते जाखड़ पंजाब में कांग्रेस के प्रधान थे। कैप्टन के साथ उनकी अच्छी ट्यूनिंग रही। इस वक्त कैप्टन भाजपा के साथ गठबंधन में हैं। ऐसे में वह भाजपा की सीनियर लीडरशिप के पास तक जाखड़ की बात आसानी से पहुंचा सकते हैं। उनमें तालमेल कराने में भी कैप्टन अहम भूमिका निभा सकते हैं।
कांग्रेस पर बड़े आरोप लगा जाखड़ ने छोड़ी पार्टी
सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी नेताओं पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व चापलूसों से घिरा हुआ है। राहुल गांधी फैसले नहीं लेते। उन्हें दोस्त और दुश्मन की पहचान करनी चाहिए। जाखड़ ने अंबिका सोनी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब में ज्यादातर कांग्रेस इंचार्ज सोनी की ही कठपुतली बनकर काम करते रहे। सोनी से जाखड़ की नाराजगी इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि जब कैप्टन के बाद उन्हें CM बनाया जा रहा था तो सोनी ने ही विरोध किया था। सोनी ने कहा था कि पंजाब में सिख CM ही होना चाहिए। चरणजीत चन्नी को प्रमोट करने के पीछे भी सोनी को ही माना जा रहा है।
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