यूं तो पंजाब के विभिन्न सरकारी स्कूलों के स्तर को हमेशा कमतर आंका जाता रहा है, लेकिन बहुत से स्कूल ऐसे भी हैं, जहां बच्चे अपनी प्रतिभा के दम पर न केवल अपना व पेरेंट्स का नाम रौशन कर रहे हैं, बल्कि संबंधित स्कूलों को भी उनसे ख्याति मिल रही है। इसका प्रमाण हाल ही में केंद्र सरकार के सरकारी स्कूलों में नन्हें वैज्ञानिक तलाशने के लिए शुरू किए गए इंस्पायर अवाॅर्ड योजना के तहत देखने को मिला। इसके तहत ब्लॉक स्तर, जिला स्तर और स्टेट लेवल पर कंपीटिशन करवाया गया था, जिसमें स्टेट लेवल पर 5 जिलों के सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स की रिसर्च सिलेक्ट की गई है, जो अब नेशनल लेवल पर होने वाली प्रदर्शनी में प्रदर्शित की जाएगी।
इनमें पठानकोट के केवी-3 के छठी के स्टूडेंट गौतम लिंबू की ऑटो सीविंग मशीन, गुरदासपुर के सरकारी हाई स्कूल मरी पनवां की 10वीं की मनप्रीत कौर का ऑटो सिम सिस्टम गैस स्टोव, पटियाला के नाभा सरकारी हाई स्कूल भड़ी पनैंचा के 7वीं के गुरप्रीत सिंह का चॉपिंग डस्टबिन, फाजिल्का के अबोहर में सीनियर सेकंडरी स्कूल के 7वीं की रचना कंबोज का इलेक्ट्रिक मास्क विद एयर प्यूरीफाई और रूपनगर के चमकौर साहिब के सरकारी हाई स्कूल बस्सी गुजरां के 7वीं क्लास के स्टूडेंट बूटा का कोरोना सेफ ई रिक्शा का अविष्कार पूरे पंजाब में सबसे बेस्ट चुना गया है। इनके ये मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रदर्शनी में दिखाए जाएंगे।
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चॉपिंग डस्टबिन
नाभा के गांव भड़ी पनैंचा के सरकारी हाई स्कूल के 7वीं क्लास के स्टूडेंट गुरप्रीत सिंह ने बताया कि लोहे के डस्टबिन में ब्लेड लगाए गए हैं, ऊपर साइकिल की चेन लगाकर पैडल लगाए है, जब हम घर से निकलने वाले रोजमर्रा के कूड़े (किचन वेस्ट/पत्ते आदि) को डस्टबिन में डालते हैं और पैडल को हाथ से चलाते हैं तो ब्लेड घूमकर इस सारे कूड़े को पाउडर बना देता है। इससे खाद बन जा सकती है।
इलेक्ट्रिक मास्क
अबोहर के डीएवी सीनियर सेकंडरी मॉडल स्कूल के 7वीं क्लास की स्टूडेंट रचना कंबोज ने बताया कि यह मास्क 3 फिल्टर का है। आमतौर पर लगाने वाले मास्क में मोसचराइजर की वजह से जर्म बन जाते हैं और हमें मास्क चेंज करना पड़ता है, लेकिन इसमें उन्होंने ऐसा अल्कोहल लगाया है जो जर्म मार देता है। एलकोहल को खत्म करने के लिए अगला फिल्टर काम करता है और हवा प्योरीफाई होकर हम तक पहुंचती है।
ऑटो सीविंग मशीन
पठानकोट के केवी-3 स्कूल के 6वीं क्लास के स्टूडेंट गौतम लिंबू ने बताया कि किसी भी चीज को छानने जैसे रेत, आटा, मैदा आदि के लिए यह प्रोजेक्ट बनाया गया है। साइकिल के पैडल से एक छलनी को जोड़ कर यह प्रोजेक्ट बनाया है। सुबह जैसे हम साइकिल के पैडल मार कर एक्साइज करते हैं, वैसे ही बस इसे चलाना है और हम कोई भी चीज छान सकते हैं।
कोरोना सेफ ई रिक्शा
रूपनगर के चमकौर साहिब के सरकारी हाई स्कूल बस्सी गुजरां के 7वीं क्लास के स्टूडेंट बूटा माहलिया ने बताया कि ई रिक्शा में शीट लगाकर अलग-अलग चैंबर बना दिए गए हैं ताकि रिक्शा में बैठी सवारियों का आपस में काॅन्टेक्ट न हो सके और कोरोना से बचाव हो सके।
ऑटो सिम सिस्टम स्टोव
गुरदासपुर के बटाला के गांव माडी पनवां के हायर सेकेंडरी स्कूल के 10वीं क्लास की स्टूडेंट मनप्रीत कौर ने बताया कि महिलाएं खाने बनाते वक्त रसोई में गैस को बार बार सिम करने आती हैं। उनके प्रोजेक्ट में स्टोव पर मोटर लगाई है, जब कुकर की विसल बजेगी और सर्कट कंपलीट होगा तो स्टोव खुद ब खुद सिम हो जाएगा।
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