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1 फरवरी के रेल बजट में 24 किलोमीटर राजपुरा-मोहाली रेल लिंक को एक बार फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया है। करीब 312 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को बजट में टोकन मनी के रूप में मात्र 1000 रुपए मिले हैं। इस प्रोजेक्ट में 50 फीसदी राज्य सरकार को देना था। लेकिन चार साल बाद भी न तो जमीन अधिग्रहण करके दी और न ही राशि दी।
इसके चलते इस बजट में राजपुरा-मोहाली प्राेजेक्ट के लिए अब रेलवे ने 1000 रुपए का सिंबाॅलिक बजट जारी किया है, ताकि प्राेजेक्ट जिंदा रहे और राज्य सरकार जब चाहे यह प्रोजेक्ट शुरू कर सके। प्रोजेक्ट में राजपुरा से नलास तक रेललाइन पहले से बिछी है। केवल 16 किलाेमीटर रेल लाइन बिछाई जानी है। जमीन के लिए रेलवे कई बार पत्र भी लिख चुका है। पिछले साल भी रेलवे ने 1 हजार टोकन मनी रख सिंबोलिक बजट रखा था। प्रोजेक्ट के लिए मात्र 78 करोड़ की जमीन राज्य सरकार को पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली से खरीदनी है। लेकिन 4 सालों से पंजाब सरकार प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण कर नहीं दे सकी है। जबकि, किसान जगह देने को तैयार हैं।
रेलवे लाइन के लिए पंजाब सरकार ने जमीन अधिग्रहण कर रेलवे को देनी है
राजपुरा, मोहाली व चंडीगढ़ रेल लिंक बनने से राजस्थान और पटियाला के हजारों लोगों को फायदा होगा। हिमाचल, राजस्थान सीधे पटियाला से कनेक्ट होंगे। व्यापारियों को भी आसानी होगी। चार टोल प्लाजा पर यात्रियों को टोले देने से बचत होगी।
राजपुरा-मोहाली रेल लिंक के बनने से मालवा बेल्ट के जिला पटियाला, बरनाला, बठिंडा, मुक्तसर, फाजिल्का सहित राजस्थान के 3 जिले अनूपगढ़, श्रीगंगानगर व बीकानेर तथा हरियाणा के दो जिले चंडीगढ़ के साथ जुड़ेंगे। 2016 में शुरू हुए 23.89 किलोमीटर इस रेल लिंक का खर्च 312 करोड़ आंका गया था। रेल लिंक में केंद्र-राज्य की 50-50 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। राज्य सरकार को जमीन देनी थी। पूर्व सांसद डॉ. धरमवीर गांधी ने भी प्रोजेक्ट को लेकर दिल्ली तक प्रयास किया था।
राजपुरा-बठिंडा डबल ट्रैक को 700 करोड़ मिले
पटियाला से दूसरा प्रोजेक्ट राजपुरा-बठिंडा का है। इसका काम जारी है। बजट में इस प्रोजेक्ट के लिए 700 करोड़ रुपए रखे गए हैं। इस प्रोजेक्ट का काम जोरों से जारी और रेल विकास निगम कर रहा है। यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 1300 करोड़ रुपए का है।
एक्सपर्ट व्यू-सरकार गंभीरता से ले, नहीं तो अगले साल डेफर हो सकता प्रोजेक्ट
पटियाला से पूर्व रेलवे अंबाला डिवीजन यूजर कंसल्टेंट कमेटी के मेंबर नवीन शर्मा ने बताया-बजट में 1 हजार रुपए टोकन मनी रखी है। राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट को गंभीरता से नहीं लिया तो यह प्रोजेक्ट डेफर हो सकता है। यह टोकन मनी है...डीआरएम जीएम सिंह ने बताया कि 1 हजार का टोकन अमाउंट है। राज्य सरकार 50 फीसदी कीमत देने को तैयार है तो रेलवे भी 50 फीसदी शेयर दे देगी। फिर यह प्रोजेक्ट फिर से शुरू हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट काफी सालों से है और पंजाब सरकार आगे नहीं बढ़ी, जिसके चलते यह प्रोजेक्ट नहीं शुरू हो सका।
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