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सनौर के पास गांव सिंहपुरा में 38 वर्षीय गुरजीत सिंह पहलवान का घर के सामने रहने वाले व्यक्ति ने तेजधार हथियार से सुबह 11 बजे पंचायत के सामने कत्ल कर दिया और फरार हो गया। जानकारी के मुताबिक आराेपियाें ने पीछे से कमर पर चाकू से दो बार गुरजीत पर हमला किया। बताया जा रहा है कत्ल पुरानी रंजिश को लेकर किया गया है। जिस व्यक्ति ने कत्ल किया वह कई दिनों से खुलेआम कत्ल करने की धमकी भी दे रहा था। गुरजीत गांव में अपनी नई कोठी का निर्माण कर रहा था। गली में मेन गेट के सामने बनाए रैंप काेे लेकर आराेपी की पड़ाेसी से बहस हाे गई थी। उसके बाद आराेपी ने उसपर चाकू से वारकर उसे जख्मी कर दिया था। परिवार के लेाग उसे निजी अस्पताल ले गए, वहां उसकी माैत हाे गई। थाना सनाैर प्रभारी गुरप्रीत सिंह भिंडर ने बताया कि भाई जगतार सिंह के बयान पर आराेपी स्वर्ण सिंह, जरनैल सिंह, मलूक सिंह, कर्मजीत सिंह के खिलाफ कत्ल सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। जल्द अाराेपियाें काे गिरफ्तार किया जाएगा।
मकान बनाकर बेचने का काम करता था पहलवान
गुरजीत पहवलान बड़ौदा जिला जींद हरियाणा का रहने वाला था। वह अपने परिवार के साथ गांव से यहां रहकर अपना काम कर रहा था। गुरजीत सिंह ठेकेदारी करता था। नई कोठी बनाकर सेल करके परिवार का गुजारा कर रहा था। जब उसने अपने नए घर को बनाने का काम शुरू किया तो वहां पर रैंप बनाने को लेकर सामने घर में रह रहे आराेपी स्वर्ण सिंह से किसी बात को लेकर उसका विवाद हुआ। पंचायत ने विवाद को सुलझाने के लिए दोनों को बुधवार काे आमने-सामने बैठाकर विवाद को खत्म कराने की बात कही। गुरजीत का कहना था कि वह जो गली व रैंप के कारण किसी को परेशानी हो रही है जिसको जल्द ठीक करा दूंगा। जब पंचायत में सभी बात कर रहे थे तो गुस्से में स्वर्ण सिंह ने गुरजीत पर अपने कुछ साथियों के साथ आकर पीछे से वार कर दिया।
मां बोली- बच्चे पूछ रहे हैं पापा कहां है?
पत्नी सर्बजीत काैर ने बताया कि वह करीब 5 साल पहले यहां रहने लगे हैं। उनकी काेठी का काम चल रहा था। आराेपी किसी न किसी बात पर विवाद करता था। सड़क पर बनाए रैंप काे लेकर उसके पति ने कह दिया था कि अगर सरकारी सड़क बनेगी ताे काेई बात नहीं रैंप अपने आराेपियाें काे संभाल लेता लेकिन पीछे से वार करके आराेपियाें ने उसे मारा। बताया कि परिवार में 7 साल का बेटा और एक 13 साल की बेटी है। बेटा बार-बार पूछ रहा है कि पापा कहां गए हैं और कब आएंगे। पत्नी सर्बजीत काैर ने बताया कि पिता की मौत के बाद गुरजीत सिंह ही परिवार का सहारा था। वह दिल्ली में चल रहे किसान आंदाेलन से कुछ दिन पहले ही लाैटा था। बुधवार की दोपहर 12 बजे दिल्ली जाने की बात कर रहा था। उसने दोस्तों से कहा था कि गाड़ी की सफाई करो हम लोग दिल्ली जाएंगे। पर नियति काे कुछ और ही मंजूर था।
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