ईटीटी टेट पास ने बुधवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया। इस बार बीएसएनल हेड ऑफिस (जहां सुरेंदरपाल गुरदासपुर 16 दिन से टावर पर बैठा है) से पैदल मार्च शुरू किया। इस बार वाईपीएस चौक की बजाए मुख्यमंत्री आवास के पीछे यानी गुरुद्वारा श्री मोती बाग साहिब चौक से एंट्री की।
पुलिस वाईपीएस चौक पर इंतजार करती रही। पीछे से आते देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान पुलिस के 3 डंडे टूट गए और 17 से ज्यादा लोग हो गए। विरोध में गुस्साए ईटीटी टेट पास ने चौक पर धरना शुरू कर दिया। वह जख्मों पर बर्फ की टकोर करते रहे।
शाम 4:30 बजे प्रशासन ने 20 जुलाई को मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार के साथ पैनल मीटिंग करवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद अध्यापकों ने धरना उठाया। बेरोजगार ईटीटी टेट पास अध्यापक यूनियन के राज्य प्रधान दीपक कंबोज ने कहा कि सरकार ने 14 को कैबिनेट मीटिंग में मांगों का हल निकलता था।
सरकार को परवाह नहीं
यूनियन के मुताबिक 14 को मीटिंग होनी थी। जब कैबिनेट की मीटिंग नहीं हुई तो अध्यापकों के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने पटियाला में रोष मार्च निकाला। पिछले 116 दिनों से उनका एक साथी लीला भवन स्थित टावर पर भूखा प्यासा डाटा हुआ है, लेकिन सरकार को उसकी जान की कोई परवाह नहीं है।
अध्यापकों ने कहा कि अगर सरकार ने मांगों को न माना तो आंदोलन तेज होगा। यहां राज्य उपप्रधान संदीप सामा, कुलदीप खोखर, निर्मल जीरा, सुखजीत नाभा, बलविंदर नाभा मौजूदरहे।
यह लोग जख्मी
लाठी चार्ज में अध्यापक संदीप सामा, जग्गा बोहा, प्रगट बोहा, बलविंदर काका, अमन सग्गू, हरप्रीत मानसा, पिंकी कौर, राज्य प्रधान दीपक कंबोज, गुरमीत कौर, सुरेश सोनी मानसा, बग्गा खडाल, गुरप्रीत कौर, सर्वजीत कौर, हरप्रीत कौर,बेअंत कौर, शिवाली संगरूर और करमजीत कौर एक गंभीर चोटें लगी हैं। यूनियन ने कहा कि वह अपना हक लेकर रहेंगे। सरकार को चाहिए कि वह अपने वादे पूरे करें। ईटीटी टेट पास की प्राथमिकता के आधार पर भर्ती की जाए।
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