पंजाब सरकार की स्कूल ऑफ एमिनेंस परियोजना में पटियाला शहर से एकमात्र सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल फीलखाना का चयन भी किया गया है। फीलखाना शब्द फारसी का शब्द है। फील का अर्थ है हाथी और खाना का अर्थ है घर। कभी पटियाला रियासत के हाथीखाना (जहां हाथी बांधे जाते थे) में उस समय की पेप्सू सरकार के शिक्षा मंत्री रहे ब्रिश भान ने 1954 में स्कूल की नई बिल्डिंग का नीव पत्थर रखा और 1955 में शिक्षा मंत्री शिव देव ने स्कूल का उद्घाटन किया था। नर्सरी से 12वीं क्लास तक के इस स्कूल को 1983 में सर्वोत्तम अवार्ड दिया गया।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की कांग्रेस सरकार में इसे स्मार्ट स्कूल का दर्जा दिया गया मौजूदा समय में प्रिंसिपल डॉ रजनीश गुप्ता की लीडरशिप में इस स्कूल में 130 अध्यापक करीबन 3900 स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे हैं। पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के 23 जिलों में शुरू हुई स्कूल ऑफ एमिनेंस में 117 सरकारी स्कूलों में पटियाला जिले के 10 स्कूलों का चयन किया गया है। इस योजना 9वीं से 12वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स को कंपटीशन एग्जाम की स्पेशल तैयारी से लेकर स्टूडेंट्स के छिपे हुए हुनर को तराशने और निखारने का काम किया जाएगा। स्टूडेंट्स को जेईई मेंस, नीट और सिविल सर्विसेज जैसी तैयारियां बिल्कुल मुफ्त में सरकारी स्कूल में करवाई जाएंगी ताकि वह भी देश के बाकी बच्चों को पछाड़कर अच्छा रैंक हासिल कर सके।
इसी स्कूल के स्टूडेंट रहे हैं चुनाव आयोग के आयुक्त अरुण गोयल
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल फीलखाना में पढ़े कई पूर्व स्टूडेंट्स आज देश के नामी लोग हैं, जिनमें मौजूदा चुनाव आयोग के आयुक्त अरुण गोयल का नाम सबसे प्रमुख है। उनके अलावा आर्चरी खेल में भारत के द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जीवन जोत सिंह तेजा, पूर्व सिविल सर्जन पटियाला डॉक्टर प्रिंस सोढ़ी का नाम भी प्रमुख है।
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