श्रीगुरु नगरी के भाई जैता जी सिविल अस्पताल में आजकल डॉक्टर न मिलने से मरीज परेशान हैं और ओपीडी भी पहले के मुकाबले आधी रह गई है। इसका कारण है स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को दूसरे सेंटरों में डेपुटेशन पर भेजना है। कहने को तो भाई जैता जी सिविल अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की 19 पोस्टें सेंक्शन हैं लेकिन सिर्फ 3 डॉक्टर ही ऐसे हैं जो हफ्ते में 5 दिन यहां बैठते हैं।
बाकी डॉक्टरों की हफ्ते में कई दिन डेपुटेशन पर नूरपुरबेदी, मोरिंडा, खरड़ में ड्यूटी लगा दी गई है। आंख, बच्चों और एनेस्थीसिया के 3 डॉक्टर मेटरनिटी लीव पर और 2 डॉक्टर पक्के तौर पर दशमेश अकेडमी में तैनात हैं। शुक्रवार को तो आनंदपुर साहिब में ऐसे हालात हैं कि यहां सिर्फ एक सर्जन डॉक्टर ही ड्यूटी पर रहता है।
इसके अलावा बच्चों के डॉक्टरों की 2 सेंक्शन पोस्टों में एक डॉक्टर मेटरनिटी लीव पर जबकि दूसरा पूरा हफ्ता रोपड़ सिविल अस्पताल में तैनात रहता है। ऐसे हालात करीब एक महीने से बने हुए हैं। इसके चलते अस्पताल में रोजाना होने वाली 300 के करीब ओपीडी आधी रह गई है।
बता दें कि श्री आनंदपुर साहिब के साथ लगते हिमाचल प्रदेश से भी लोग भाई जैता जी सिविल अस्पताल से सेहत सुविधाएं लेने पहुंचते हैं। लोगों ने कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस से मांग की है कि इस संबंध में जल्द उचित कदम उठाए जाएं और अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए।
मनोविज्ञान और ईएनटी के डॉक्टर 2 दिन, स्किन के सिर्फ एक दिन बैठेंगे
मनोविज्ञान और ईएनटी के डॉक्टर 2 दिन, स्किन के सिर्फ एक दिन बैठेंगेमिली जानकारी के अनुसार एमडी मेडिसिन डॉ. रणवीर बैंस और गायनी एमडी डॉक्टर सुनैना गुप्ता को शुक्रवार को नूरपुरबेदी में तैनात किया गया है। एनिसथीसिया डॉक्टर अमन सैनी को 5 दिन के लिए मोरिंडा में तैनात कर दिया गया।
स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर अमनदीप कौर को 5 दिन के लिए रोपड़ में तैनात कर दिया गया। मनोविज्ञान के डॉक्टर राजन शास्त्री को 4 दिन के लिए जिले के अलग-अलग अस्पतालों में तैनात कर दिया है। इसी प्रकार ईएनटी के डॉक्टर सप्ताह के 2 दिन ही श्री आनंदपुर साहिब में हैं और बाकी दिन दूसरे अस्पताल में डेपुटेशन पर हैं।
मरीज बिना दवा लिए लौटने को मजबूर
भाई जैता जी सिविल अस्पताल में शुक्रवार को दवा लेने पहुंची गांव निक्कूवाल की हरबंस कौर ने बताया कि कुछ दिन से छाती में दर्द है और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। यहां आकर पता चला कि डॉक्टर अब रोज नहीं मिलेंगे।
अब उन्हें किसी प्राइवेट अस्पताल से दवा लेनी पड़ेगी। इसी तरह गांव गंगूवाल की रत्न कौर ने बताया कि वह चमड़ी रोग के डॉक्टर से जांच करवाने पहुंचीं थी लेकिन डॉक्टर को किसी अन्य अस्पताल में भी तैनात किया गया है। इसलिए वह उस दिन आएगी जब डॉक्टर यहां होंगे।
3 में से 2 रोडियोग्राफर भी डेपुटेशन पर, बाकी विभागों में भी पोस्टें खालीअस्पताल में बाकी विभागों में स्टाफ डेपुटेशन पर भेजा हुआ है जबकि स्टाफ की कमी भी है। यहां पर रेडियोग्राफर की 3 पोस्टें सेंक्शन हैं लेकिन सिर्फ एक ही पूरा हफ्ता बैठते हैं। बाकी दो में एक खरड़ में और एक चंडीगढ़ में तैनात है। जोकि हफ्ते में सिर्फ एक दिन आनंदपुर साहिब में ड्यूटी करते हैं।
इसके अलावा अस्पताल में दर्जा-4 कर्मचारियों की भारी कमी है। यहां पर दर्जा 4 कर्मचारियों की 16 पोस्टें हैं लेकिन सिर्फ 2 कर्मचारी तैनात हैं। नर्सिंग स्टाफ में 24 पोस्टों पर 20 भरी हैं। इसके अलावा पिछली सरकार ने यहां बेड बढ़ाकर 100 करने के समय मेडिकल स्टाफ तो बढ़ा दिया लेकिन क्लेरिकल स्टाफ 25 बेड के हिसाब से ही तैनात है।
उच्चाधिकारियों को डॉक्टर तैनात करने को कहा
एसएमओइस संबंधी सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. चरणजीत कुमार ने कहा कि भाई जैता जी सिविल अस्पताल में श्री आनंदपुर साहिब के अलावा साथ लगते हिमाचल प्रदेश से भी लोग दवा लेने पहुंचते हैं। मरीजों की परेशानी को देखते हुए इस समस्या को उच्चाधिकारियों के ध्यान में लाया गया है। उच्चाधिकारियों को एक पत्र भी लिखा है और मांग की है कि अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती की जाए ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।
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