आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत सिविल सर्जन डॉ. परमिंदर कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर समूह मल्टीपर्पज हेल्थ सुपरवाइर्ज और प्राइवेट लैबोरटरियों के नुमाइंदों की एक दिवसीय एडवोकेसी वर्कशॉप करवाई गई। इस मौके पर डॉ. परमिंदर कुमार ने बताया कि पहला राष्ट्रीय डेंगू दिवस 16 मई 2016 को देशभर में मनाया गया था। इस बार डेंगू दिवस की थीम, डेंगू रोकथाम योग्य है, आओ हाथ मिलाओ, है। उन्होंने बताया कि सेहत संस्थाओं के प्रतिनिधियों को हिदायत की गई कि डेंगू का टेस्ट अपनी लैब में करने उपरांत मरीज को होने वाले टेस्ट के लिए सरकारी अस्पताल में भेजें और डेंगू के शकी मरीजों की जानकारी भी भेजें। समूह हेल्थ सुपरवायजर्ज को हिदायतें की गई कि डेंगू से बचाव के लिए घर-घर का सर्वे करें और लक्ष्य मुताबिक स्लाइडें बनाएं।
इसके अलावा स्कूलों, पंचायत घरों, ग्रामीण सेहत सफाई कमेटियों की मीटिंगों और पंचायतों के सहयोग से जागरूकता गतिविधियां करवाई जाएं। छप्पड़ों में काले तेल का छिड़काव हो, फॉगिंग करवाई जाए और अगर किसी भी तरह के सामान की जरूरत है तो तुरंत इस संबंधी डिमांड समय रहते दफ्तर को भेजी जाए। जिले के ऐपीडिमालॉजिस्ट डॉ. हरप्रीत कौर और डॉ. मोहित शर्मा ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छर को पैदा होने से रोकने के लिए कंटेनरों और घराें के आसपास पानी खड़ा न रहने न दें। उन्हाेंने कहा कि पानी को तंग ढक्कनों वाले बर्तनों के साथ सही तरह से ढंके। इसके अलावा लोगाें को चाहिए कि वे घराें के दौरे के समय सेहत कर्मचारियों को पूरा सहयोग दें। डेंगू मच्छर से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें। इस दौरान डॉ. सुमित शर्मा ने डेंगू और चिकनगुनिया बुखार के मुख्य लक्षणों बारे बताया कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है जो कि एक मादा मच्छर है और ज्यादातर दिन समय पर काटता है। इस मौके सहायक सिविल सर्जन डा. अंजू, जिला सेहत अफसर डॉ. हरमिंदर सिंह, जिला डेंटल सेहत अफसर डॉ. आरपी सिंह, डिप्टी मास मीडिया और सूचना अधिकारी गुरदीप सिंह, स्टेनो हरजिंदर सिंह आदि मौजूद थे।
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