जिले में पिछले साल डेंगू के 774 केस मिले थे जबकि इस बार अभी तक कोई केस नहीं मिला है। डेंगू को फैलने से रोकने अौर डेंगू का मच्छर पैदा न हो इसके लिए सेहत विभाग 87 टीमें गठित करके जिले के 636 गांवों के अलावा रोपड़, अानंदपुर साहिब, नंगल, मोरिंडा, चमकौर साहिब शहर और नगर पंचायतों के वार्डों में लगातार कैंप लगाकर लोगों को जागरूक कर रहा है।
सेहत विभाग की टीमों द्वारा फरवरी से सरकारी व गैर-सरकारी दफ्तरों में जाकर ब्रीडिंग भी चेक की जा रही है। टीमों द्वारा कूलर, फ्रिज, पानी की टंकियों और छतों पर पड़े कबाड़ की जांच कर डेंगू का लारवा मिलने पर सप्रे के जरिए इसे नष्ट किया जा रहा है। पिछले साल के हालात से बचने के लिए भी विभाग ने पहले से ही तैयारी की है। लोगों को सप्ताह में एक दिन ड्राई डे मनाने व अपने आसपास की सफाई के लिए प्रेरित किया जा रहा है। फिलहाल पंजाब के 7 जिलों में डेंगू के 33 मरीज मिल चुके हैं।
सिविल सर्जन परमिंदर सिंह ने बताया कि जिले में डेंगू मच्छर के बचाव के लिए बनाई गई टीमों द्वारा डोर टू डोर, दफ्तरों में जाकर निरीक्षण किया जा रहा। उन्होंने जिला निवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस वर्ष डेंगू को न पनपने के लिए सरकार व सेहत विभाग का साथ देकर अपना योगदान डालें। यह तभी संभव होगा जब हम सप्ताह में एक दिन ड्राई डे व घरों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देंगे।
ये सावधानियां रखें
सबसे पहले बचाव- सेहत विभाग के मुताबिक डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है अौर यह अधिकतर सुबह अौर शाम को काटता है। इसके बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी व पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए। मच्छर पैदा न हो सके, इसलिए स्प्रे का छिड़काव करें।
डेंगू के लक्षण- बुखार, सिर व मांसपेशियों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, चमड़ी पर दाने निकलना, मसूड़ों व नाक से रक्त बहना
डेंगू का ईलाज- डेंगू के लक्ष्ण मिलने पर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर से मशविरा लेकर समय रहते उपचार शुरू करवाएं। मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकारी अस्पतालों में इसका मुफ्त इलाज किया जाता है।
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