13 मार्च 1940 को रायल सेंट्रल एशियन सोसायटी की लंदन के कॉक्सटन हाल में माइकल ओ’डायर को मारकर जालियांवाला बाग नरसंहार का बदला लने वाले शहीद ऊधम सिंह जिस शहर में पैदा हुए (सुनाम ऊधम सिंह वाला) वहीं वो अपनी पहचान के मोहताज हैं। शहर में शहीद की याद में चार प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है। चारों के चेहरे अलग हैं। यही नहीं शहीद के जद्दी घर में रखी गई तस्वीरों में भी उनका चेहरा कुछ और है।
विडंबना देखिए कि सरकार उनके जन्मदिवस और शहीदी दिवस पर जो विज्ञापन प्रकाशित करवाती है उस पर शहीद की तस्वीर कुछ और होती है। लंबे समय से शहरवासियों की मांग है कि सरकार शहीद के सही चेहरे को जनता के सामने रखे।
प्रतिनिधिमंडल आज मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंपेगा ज्ञापन
रविवार को ऊधम सिंह के 83वें शहीदी दिवस पर पंजाब सरकार की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय समागम में सीएम भगवंत मान समेत कैबिनेट मंत्री और विधायक शहीद को श्रद्धांजलि देंगे। इस अवसर पर सामाजिक व सूचना अधिकार के कार्यकर्ता जतिंद्र जैन की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल भगवंत मान को ज्ञापन भी सौंपेगा। जतिन्द्र जैन का कहना है कि शहीद के जद्दी शहर को सुनाम ऊधम सिंह वाला की पहचान मिल गई है, परंतु अभी तक सरकार शहीद के असली चेहरे को लोगों के सामने नहीं रख सकी है।
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