ब्यावर के समता भवन में शनिवार को साधुमार्गी जैन संघ की ओर से धर्मसभा का आयोजन किया गया। जिसमें शासन दीपक विनय मुनि ने भगवान महावीर के संदेश सुनाए। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर का नाम लेने से वीरता आती है। किसी व्यक्ति को क्रोधित करना हो, तो एक बात दस बार बोलोगे, तो वो उत्तेजित हो जाता है, लेकिन यही बात उसे जिनवाणी के माध्यम से कहोगे, तो वह आत्मा को जगाने का प्रयास करता रहेगा। जिनवाणी को जीवन में उतारने का प्रयास करते रहना चाहिए।
मधुर मुनि ने कहा कि भोजन में जो मात्रा लगती वो कहती है कि लिमिट में करो। भजन में कोई मात्रा नहीं, चाहे जितना करो। इंसान भोजन तीन बार कर लेता है, मगर भजन एक बार करता है। उसमें भी विघ्न आते हैं। उनके टलने पर आत्मा जागृति होने पर छोड़ने का मन नहीं करता।
स्वाध्याय प्रेमी विनय मुनि ने बताया कि हर पूर्णिमा और अमावस्या को शाम 8 बजे विशेष स्वाध्याय होता है। इस स्वाध्याय को करने से कर्मों की निर्जरा होती है। धर्मसभा में जैन समाज के कई श्रावक-श्राविका मौजूद रहे।
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