अजमेर की पोक्सो कोर्ट ने साढ़े 17 साल की नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाई है। आरोपी पड़ोसी को 13 गवाह और 34 दस्तावेज के आधार पर 10 साल की सजा और 26 हजार 100 रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है। जज ने अपने फैसले में कहा कि बच्चों के साथ बढ़ते अपराध को देखते हुए आरोपी के प्रति नरमी बरतना उचित नहीं है।
पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेन्द्र परिहार ने बताया कि जवाजा थाने में 7 नवंबर 2021 को नाबालिग पीड़िता ने अपनी मां के साथ उपस्थित होकर शिकायत दर्ज करवाई की आरोपी पड़ोसी द्वारा विगत 20 अक्टूबर 2021 से उसे डरा-धमकाकर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म किया जा रहा है। आरोपी की ब्लैकमेलिंग से वह काफी परेशान है। जवाजा थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी पड़ोसी को 8 नवंबर 2021 को गिरफ्तार कर लिया था।
जज ने सुनाया फैसला
मंगलवार को पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा मामले में 13 गहवा और 34 दस्तावेज के आधार पर पड़ोसी को 10 साल की सजा और 26 हजार 100 रुपए का आर्थिक दंड लगाया है। विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेन्द्र परिहार ने बताया कि मामले में पीड़िता और उसके माता-पिता के बयानों के साथ ही एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। परिहार के अनुसार जज ने अपने फैसले में कहा कि 18 साल की कम उम्र की बालिका के साथ उसके माता-पिता की विधिक संरक्षण में आरोपी अपने घर लेजाकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। इस तरह के अपराध को देखते हुए अभियुक्त के खिलाफ किसी प्रकार की नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
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