अजमेर में नवंबर, दिसंबर और जनवरी के 67 दिनों में कोविड-19 के 418 रोगी सामने आए हैं। इन संक्रमितों में 18 साल तक के 40 बच्चे भी शामिल है। 418 केस में से 35 ऐसे संक्रमित हैं, जिन्हें वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीनेशन की वजह से लोगों में एंटीबॉडी बनी है। जिसके कारण पहली और दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। हालांकि जेएलएन में ऑक्सीजन के 957 बेड, आईसीयू बेड 129 व वेंटिलेटर 118 रिजर्व है।
ओमिक्रॉन से अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या जीरो
जेएलएन के कोविड-19 के प्रभारी व मेडिसिन यूनिट के वरिष्ठ आचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने बताया कि यह तो साफ है कि कोविड वैक्सीनेशन के कारण लोगों के शरीर में इम्यूनिटी काफी बढ़ गई है। पहली व दूसरी लहर में शुरुआती 5 दिनों में ही कोविड-19 का असर दिखना शुरू हो जाता था। लेकिन अभी तक 67 दिनों में कोई मरीज अस्पताल नहीं पहुंचा है। पहले 5 दिनों में गले में खराश, सांस फूलना, बुखार और बाद में लंग्स तक वायरस पहुंच जाता था। यही जानलेवा होता था, लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 0 है। सभी संक्रमितों को घर पर ही आइसोलेट किया गया है और उनकी तबीयत में सुधार है।
गुरुवार को 87 नए संक्रमित मिले
अजमेर जिले में गुरुवार को 87 नए कोरोना संक्रमित मिले। संक्रमण दर 4.65% रही। बीते 48 घंटे में 187 कोरोना केस मिल चुके हैं। गुरुवार को मिले संक्रमितों में अजमेर शहर में मोती विहार क्षेत्र निवासी 8 साल की बच्ची भी शामिल है। 1 नवंबर से जिले में 18 साल तक के 40 बच्चे पॉजिटिव आ चुके हैं। वहीं तीसरी लहर में 20 ओमिक्रॉन मरीज भी आए हैं, सभी नेगेटिव आ चुके हैं।
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