बच्चाें की सकुशल घर वापसी:यूक्रेन में फंसे थे अजमेर जिले के कुल 35 छात्र, इनमें से 17 घर पहुंचे

अजमेरएक वर्ष पहले
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नागाैर के मनीष ने भास्कर से साझा की खुशी - Dainik Bhaskar
नागाैर के मनीष ने भास्कर से साझा की खुशी
  • कलेक्टर अंशदीप बाेले-हर विद्यार्थी सकुशल व सुरक्षित घर पहुंचे, यह पहली प्राथमिकता

यूक्रेन में फंसे अजमेर जिले के 35 विद्यार्थियों में से अब तक 17 विद्यार्थी सकुशल घर लाैट चुके हैं। शेष छात्र-छात्राओ और उनके अभिभावकों से जिला प्रशासन के अफसर संपर्क कर उनकी घर वापसी सुनिश्चित कर रहे हैं। जिला कलेक्टर अंश दीप ने बताया कि यूक्रेन में अजमेर जिले के फंसे हुए बच्चाें काे सकुशल घर लाने के लिए सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रयास किए गए जा रहे हैं। यूक्रेन में फंसे बच्चाें काे विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास की एडवाजरी की पालना करने की सलाह दी गई है।

कलेक्टर अंशदीप ने कहा कि जिले के 35 विद्यार्थियों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई थी। इनमें से 27 अजमेर, 6 ब्यावर और 2 किशनगढ के थे। अब तक 17 विद्यार्थी अपने घर पहुंचे है। इनमें से 15 अजमेर के हैं, और 2 ब्यावर के हैं। वापसी से वंचित 18 विद्यार्थियों के अभिभावकों से प्रशासन लगातार संपर्क में है।

विद्यार्थियों से संबंधित प्रत्येक सूचना से अवगत कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार यूक्रेन में फंसे अजमेर जिले अधिकांश विद्यार्थी यूक्रेन छाेड़ चुके हैं। इन विद्यार्थियों की आगामी हवाईजहाज से वापसी सुनिश्चित की जाएगी। राज्य सरकार विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास के लगातार संपर्क में हैं।

व्यवस्थार्थ दिल्ली-मुंबई में तैनात हैं सरकार के अफसर

यूक्रेन के आसपास के देशाेें में फंसे अजमेर जिले के बच्चाें की सकुशल घर वापसी के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाश चंद्र शर्मा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ-साथ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। विद्यार्थी और अभिभावक दूरभाष नंबर 0145-2628932 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा स्थापित मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 181 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

राजस्थान फाउंडेशन के दूरभाष नंबर 0141-2229091, 2229111 और मोबाइल नंबर +91 8306009838 पर भी संपर्क किया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा दिल्ली आैर मुंबई में भी अधिकारी इस उद्देश्य के लिए तैनात किए गए हैं।

एम्बेसी ने ली सुध, कीव मेडिकल हॉस्टल से निकाला सुरक्षित, पौलेंड बॉर्डर पर पहुंचाया

दाे दिन पहले तक हमें अपनी जान बचने का भी भराेसा नहीं था। एम्बेसी से लगातार संपर्क कर रहे थे। अब एम्बेसी ने हमें कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से निकाल कर पौलेंड बॉर्डर पर पहुंचा दिया है। यहां हाेटल में ठहरने का इंतजाम भी है। इंडिया आने के लिए हम लिस्ट में नाम आने का इंतजार कर रहे हैं। हम पाैंलेंड में हैं और सुरक्षित हैं। यह खुशी राजस्थान के नागाैर जिले के मनीष प्रजापति ने भास्कर के साथ साझा की है।

मनीष ने बताया कि एम्बेसी ने मंगलवार काे दाेपहर में हमें निकाल लिया गया है। करीब 1500 किमी दूर तक हमें बस में सुरक्षित पौलेंड बॉर्डर तक लाया गया। जिस हॉस्टल में हम फंसे हुए थे, वहां एम्बेसी की बस पहुंची और हमें पौलेंड बॉर्डर तक लाई है। हॉस्टल में फंसे हुए सभी इंडियन स्टूडेंट्स काे निकाल लिया गया है। रास्ते में अनहाेनी का खतरा भी था, लेकिन सबकी दुआएं काम आ गईं।

यहां सब नाॅर्मल है। खाने और रहने का इंतजाम भी एम्बेसी ने कर दिया है। गाैरतलब है कि राजस्थान के मनीष प्रजापति, जम्मू-कश्मीर के आशुताेष शर्मा और बिहार के शिवम ने शनिवार काे भास्कर से बात करके मदद की गुहार लगाई थी और अपनी स्थिति के बारे में बताया था। जिस हॉस्टल में यह विद्यार्थी फंसे थे वहां 200 भारतीय विद्यार्थी थे।