फर्जी हस्ताक्षर व दस्तावेज के जरिए शिक्षकों के लाखों रुपए हड़पने का आरोप राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के पदाधिकारियों पर लगाए है। अजमेर निवासी एक शिक्षक ने इस मामले में अध्यक्ष सहित पांच पदाधिकारियों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पुलिस लाईन अजमेर में शिक्षक व न्यु गोविन्द नगर रामंगज अजमेर निवासी रमेश आचार्य ने रिपोर्ट देकर बताया कि वह विगत 25 वर्षों से शिक्षा विभाग में कार्यरत रहते हुए शिक्षा विभाग के विभिन्न सामाजिक व अन्य संगठनों का सदस्य भी हैं व शिक्षा के क्षेत्र व शिक्षको के हित में सदैव कार्य करने को तैयार एवं तत्पर रहा हैं। सर्विस के दौरान कई वर्षों से राजस्थान शिक्षक संगठन से जुडा हुआ और आरोपी कईं बार अजमेर आए और उनकी उर्जावान कार्य क्षमता को देखते हुए राजस्थान शिक्षक संघ में और अधिक उर्जा से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे। सदस्यता शुल्क सौ रुपए (प्रति अध्यापक) विगत कई वर्षो से जमा करवाता आ रहा हूं। आरोपी सियाराम शर्मा द्वारा कई बार प्रार्थी को अवगत कराया गया कि उक्त चंदा राशि अध्यापकों के हित में खर्च की जाएगी और जाती है। इसी प्रकार राजस्थान भर के लाखों शिक्षक भी अपनी सदस्यता शुल्क के रूप में करोड़ों रुपये की चंदा राशि जमा कराते रहे हैं।
सियाराम शर्मा ने एक विशेष आम सभा 21 जनवरी 2018 को आहुत की। जिसमें उसे व अन्य पदाधिकारियों जिनमें सुभाष चन्द भट्ट, मनोज कश्यप, बृजेन्द्र शर्मा को संगठन में भिन्न-भिन्न पद बताते हुए आहुत की। इसमें बताया कि राजस्थान शिक्षक संघ ही अब राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम व वर्ष 1998 से इस नाम का उपयोग किया जा रहा है। इस पर शक होने पर सियाराम शर्मा से बात की तो वे भड़क गए। इसके बाद सूचना के अधिकार के तहत सियाराम संघ की सूचनाएं मार्च माह 2022 में रजिस्ट्रार संस्थाएं जयपुर से प्राप्त की गई। इसमें पता चला कि आरोपियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर मिलीभगत करते हुए खुन पसीने की अध्यापकों की कमाई को चंदे के रूप में लेकर हड़प रखा है।
वर्ष 1954 -1955 में (राजस्थान शिक्षक संघ) के नाम से सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट में रजिस्ट्रर्ड हैं। आपराधिक षडयंत्र रचकर स्वयं के हितों को लाभ पहुंचाने की मंशा से एक विशेष आम सभा बैठक 10 जून 2018 को आहुत की, जिसमें संस्था के नाम परिवर्तन राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) करने का प्रस्ताव रखते हुए उसके के फर्जी हस्ताक्षर किए। इसी प्रकार अन्य पदाधिकारी मनोज कुमार कश्यप, सुभाष चन्द भट्ट, बृजेन्द्र कुमार शर्मा के भी फर्जी हस्ताक्षर किए। जबकि वास्तविकता में उपरोक्त दोनों आम सभाओं में वह व अन्य कई पदाधिकारी सम्मलित ही नही थे।
यह भी जानकारी में आया कि राजस्थान सियाराम शिक्षा शोध संस्थान नाम से एक ट्रस्ट का गठन कर राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के नाम से अध्यापकों से लिए गए लाखों रूपए का निवेश कर दिया, जबकि राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) का कोई भी सदस्य (अध्यापक) अपने संगठन में कल्याणकारी कार्य के लिए ही अपना सदस्यता शुल्क प्रदान करता हैं। अत: फर्जी हस्ताक्षर व दस्तावेजों का उपयोग पर लाखों रुपए हड़प कर लिए। अत: कार्रवाई की जाए। सिविल लाइन थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इनके खिलाफ दर्ज कराया मामला
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