दो करोड़ रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार आरोपी एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। वॉइस सैंपल टेस्ट के लिए एसीबी ने 20 जनवरी को कोर्ट में एप्लीकेशन लगाई थी। इस पर आज सुनवाई थी। कोर्ट में दिव्या के वकील प्रीतम सिंह सोनी ने समय मांगा, अब सुनवाई 2 फरवरी को होगी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रीतम सोनी ने बताया कि रिश्वत मामले में जो एसीबी ने वॉइस रिकॉर्ड की है। उस वॉइस रिकॉर्ड की मिलान के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाया। इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होनी थी। इसके लिए दिव्या को पेश किया गया। फाइल का अवलोकन करने के लिए समय मांगा गया। कोर्ट ने 2 फरवरी की तारीख दी है। गौरतलब है कि दिव्या मित्तल 3 फरवरी तक जेल में बंद है।
कोर्ट से नहीं मिली राहत
मंगलवार को एसीबी कोर्ट में दोनों पक्षों के बहस के बाद दिव्या मित्तल की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इस मामले में सरकार की ओर से पैरवी एडवोकेट सतनारायण चितारा ने की है।
झील में 3 घंटे हुआ था सर्च
दिव्या के सरकारी गाड़ी के ड्राइवर बहादुर की निशानदेही पर रिमांड के दौरान आनासागर के रामप्रसाद घाट इलाके में झील में सर्च किया गया था। पता चला था कि दिव्या ने एसीबी मुख्यालय में केस दर्ज होने के एक दिन पहले रविवार को आनासागर में मोबाइल, बैग और अन्य सबेत फेंक दिए थे। 21 जनवरी को जयपुर एसीबी के द्वारा दो करोड़ की रिश्वत मामले में गिरफ्तार निलंबित एसओजी के एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को अजमेर कोर्ट में पेश किया गया था। जज ने दिव्या मित्तल को 3 फरवरी तक जेल भेजने के आदेश दिए थे।
दिव्या ने मांगी थी रिश्वत
2 करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में जयपुर ACB टीम ने अजमेर में 16 जनवरी को SOG की एडिशनल SP दिव्या मित्तल को पकड़ा गया। मित्तल को एसीबी की टीम अजमेर से जयपुर लाई थी। इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया। माना जा रहा है कि SOG के किसी अधिकारी का रिश्वत में इतनी बड़ी रकम मांगने का यह पहला मामला है। इतनी बड़ी अधिकारी को ट्रैप करना भी आसान नहीं था। दिव्या ने मादक पदार्थ तस्करी के मामले में हरिद्वार की फार्मा कंपनी के मालिक काे गिरफ्तार नहीं करने की एवज में बर्खास्त पुलिसकर्मी सुमित कुमार के माध्यम से यह घूस मांगी थी।
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