अजमेर के तोपदड़ा निवासी नितिन के.कृष्णा पानी में 25 फीट की गहराई में जाकर पेंटिंग बना देते हैं। दिव्यांग होने के बाद भी हिंद महासागर में सबसे पहले उन्होंने यह पेंटिंग बनाई थी और अभी एक स्विमिंग पूल में बनाई है। उनका दावा है कि विश्व में पहली बार ऐसा किसी ने किया है। वे खुद वर्ल्ड रिकॉर्ड का दावा कर रहे हैं। इन सभी से पहले नितिन को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दिव्यांग होने के बाद भी वे हारे नहीं।
पांच साल की उम्र में एक हादसे के दौरान उनका हिप जॉइंट ब्रेक हो गया था। एक साल तक वे हॉस्पिटल में रहे और इसके बाद 4 साल तक हॉस्पिटल के चक्कर काटते रहे। इसके बाद भी उनका हिप जॉइंट सही नहीं हो पाया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। टैटू बनाने से लेकर शूटिंग के में वे हमेशा विजेता रहे। नितिन ने बी.कॉम करने के बाद एम.कॉम, एलएलबी, बीएड और फाइन आर्ट में एमए किया है।
केरल में सीखी स्कूबा डाइविंग, हिंद महासागर में 30 मिनट में बनाई अंडर वाटर पेंटिंग
फाइन आर्ट में एमए करने के बाद नितिन ने अपना सफर यहीं नहीं रोका। दिव्यांग होने के बाद भी उन्होंने 2017 में 30 साल की उम्र में केरल जाकर स्कूबा डाइविंग सीखी। यहां उन्हें अंडर वाटर पेंटिंग बनाने का आईडिया आया। इसके बाद हिंद महासागर के कोल्वा बीच में 25 फीट की गहराई में जाकर उन्होंने समुद्र की पेंटिंग बनाई। जिसे बाद में वर्ल्ड आर्ट दुबई में प्रदर्शित किया गया।
इसके बाद हाल ही में कोरोना जागरूकता को लेकर स्विमिंग पूल में भी जाकर धरती को मास्क पहनने वाली पेंटिंग बना वे फिर से चर्चा में आए। इसको लेकर उनका दावा है कि विश्व में पहली बार किसी ने पानी की गहराई में जाकर ऐसा किया है। इसके लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड का दावा भी किया गया है।
इसलिए पानी में नहीं आती दिक्कत
नितिन कहते हैं कि पानी में पेंटिंग के लिए वे स्कूबा किट पहनकर जाते हैं और इसमें चश्मा,ऑक्सीजन सिलेंडर,पाइप, फलोटिंग फुट पेड होते हैं। कुछ प्रेक्टिस करनी पड़ती है। पानी में पेंटिंग के लिए ऑयल कलर का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में कोई दिक्कत नहीं होती।
टैटू बनाने से शुरुआत, अब सचिवालय में लिपिक
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