भास्कर एक्सक्लूसिवघूसखोर ASP बोली- ऊपर तक देना पड़ता है पैसा:रिसॉर्ट में एंट्री पर कारोबारी के जूते-जैकेट उतरवाए; कहा- बनिए की दुकान नहीं, बारगेनिंग मत करो

अजमेर3 महीने पहलेलेखक: सुनिल जैन
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नशीली दवा मामले में दो करोड़ रुपए मांगने वाली एसओजी की एएसपी (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) दिव्या मित्तल ने शिकायतकर्ता को पैसे नहीं देने पर उसे जेल भेजने की धमकी दी। यहां तक कि दो करोड़ रुपए मांगने से पहले शिकायत कर्ता को एस्कोर्ट कर उदयपुर के नेचर हिल रिसोर्ट ले जाया गया और कमरे में ले जाने से पहले उसके जैकेट व जूते तक उतरवा लिए गए और गहन तलाशी ली। इसके बाद उससे दो करोड़ रुपए की डिमांड की गई, नहीं देने पर जेल भेजने के लिए धमकाया गया। कहा- 'मुझे ऊपर तक पैसे देने पड़ते हैं। आप पैसे दोगे तो ठीक रहेगा। वरना जेल जाना पड़ेगा।'

अब जानिए- पूरी कहानी, क्यों पहुंचा पीड़ित एसीबी के पास?

शिकायतकर्ता ने एसीबी को दी रिपोर्ट में बताया- उसकी हरिद्वार में JPEE ड्रग्स के नाम से दवाई बनाने की फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री में एलोपैथी की दवाइयां बनती हैं। 23 दिसंबर को एसओजी अजमेर की एएसपी दिव्या मित्तल हरिद्वार फैक्ट्री में स्टॉफ हेड विवेक से मिली और उनको बताया कि अजमेर में साइकोट्रोपिक ड्रग से संबंधित तीन मुकदमें दर्ज हुए हैं। उन मुकदमों में मिली दवाइयों में से कुछ दवाइया आपकी फैक्ट्री में से बनी हैं। स्टाफ हेड विवेक ने एएसपी दिव्या की बात उससे कराई और एएसपी ने कहा कि आपको नोटिस इश्यू कर रही हूं।

शिकायतकर्ता को पहले नाथद्वारा भेजा। वहां से उदयपुर ले गए।
शिकायतकर्ता को पहले नाथद्वारा भेजा। वहां से उदयपुर ले गए।

जब आकर देखा तो नोटिस में NDPS एक्ट में 10 बजे SOG कार्यालय अजमेर पर अनुसंधान के लिए उपस्थित होने के लिए लिखा था। इस पर वह दो दोस्तों के साथ एसओजी कार्यालय अजमेर गए थे। तब मैडम ने बोला, आप 30 दिसंबर 2022 को पीओडी ले कर आना। फिर ASP से उनके मोबाइल नंबर पर बातकर 2 जनवरी 2023 को आने के लिए बोला। इसके बाद अजमेर जा कर मैडम से मिला तो उन्होंने गिरफ्तारी का डर दिखाया। काफी देर तक डराया धमकाया। कहा- 'डॉक्यूमेंट अधूरे हैं। आप गलत कार्य करते हो।' इस पर मैंने उनको बताया कि फैक्ट्री में कोई भी अवैध दवाई नहीं बनती, न ही कोई दवाई बिना बिल के बेची जाती है। हम नियमानुसार ही काम करते हैं। हमारे सारे दस्तावेज सही हैं।

उसके बाद मुझे 3 जनवरी 2023 को वापस ASP के ऑफिस में बुलाया गया। पहले इधर-उधर की बातें करने के बाद उन्होंने कहा कि तुम उदयपुर रोड पर जाओ, वहां तुम्हें एक फोन आएगा, उससे बात कर लेना। उसके आधा घंटा बाद मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आया। उसने बताया कि वह सुमित बोल रहा है। दिव्या मैडम ने आपका नंबर दिया है। आप नाथद्वारा आ जाओ। हमारे नाथद्वारा पहुंचने के बाद उस व्यक्ति ने हमें उदयपुर बुलाया। उदयपुर पहुंचकर उसने हमे एक गाड़ी के शोरूम पर बुलाया। हमारे आगे पीछे दो गाड़ी लगा कर एस्कोर्ट कर नेचर हिल रिसोर्ट पर ले गए।

उदयपुर स्थित नेचर हिल रिसोर्ट, जहां शिकायतकर्ता को लेकर आए घूसखोर।
उदयपुर स्थित नेचर हिल रिसोर्ट, जहां शिकायतकर्ता को लेकर आए घूसखोर।

वहां पर एक कमरे में ले जाकर कर एएसपी के साथी सुमित ने मेरी जैकेट व जुते उतरवा कर बारीकी से तलाशी ली और उसके बाद उसने SOG अजमेर में दिव्या मैडम के पास दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी का डर दिखा कर 2 करोड़ रूपए की मांग की। कहा कि तीनों FIR में नाम निकाल देगें। मैंने असमर्थता जाहिर की और कहा इतने रुपए नहीं दे सकता। चाहे आप मुझे गिरफ्तार कर लो। मैं निर्दोष हूं। उसके बाद सुमित ने काफी डराया और ASP दिव्या मित्तल से अपने फोन से बात कराई।

एएसपी ने कहा कि सुमित जो बोल रहा है, वो डिमांड आपको पूरी करनी पड़ेगी। इसमें सिर्फ मेरी नहीं ऊपर तक मुझे पैसे देने पड़ते हैं। आप पैसे दोगे तो ठीक रहेगा वरना जेल जाना पड़ेगा। उसके बाद उसने कहा कि कुछ समय चाहिए तो सुमित ने बोला आपको 2 दिन का समय दिया जाता है। हमे वापस सुमित ने गाड़ी से एस्कोर्ट कर हाईवे तक छोड़ दिया।

कारोबारी भ्रष्ट ASP व उनके दलाल सुमित एवं अन्य साथियों को रिश्वत नहीं देना चाहता। वह उनको रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था, इसलिए एसीबी में पहुंच गया। शिकायत मिलने पर एसीबी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी।

अजमेर में एएसपी के फ्लैट पर पहुंची एसीबी की टीम।
अजमेर में एएसपी के फ्लैट पर पहुंची एसीबी की टीम।

एएसपी बोली- ये दाग है जीवनभर के, बारगेनिंग मत करो

एसओजी ने शिकायतकर्ता को वॉइस रिकॉर्डर देकर भेजा। उसने एसओजी कार्यालय पहुंचकर एएसपी से संपर्क किया व काम के बारे में बातचीत की। उसने उनके दलाल सुमित द्वारा पूर्व में मांगी गई रिश्वत राशि (2 करोड़ रुपए) देने की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि उनके अकेले के हाथ में नहीं है, ऊपर भी देना पडता है।

इस पर शिकायतकर्ता बोला कि वह 10 लाख रुपए दे सकता है तो एएसपी ने बोला कि ये कोई बनिए की दूकान नहीं है, तुम भी समझो, ये दाग है जीवनभर के, मामला बहुत ज्यादा गंभीर है। बारगेनिंग मत करो। पहले तय हो चुका, वो ही करना पड़ेगा। साथ ही पूर्व में इस प्रकरण में गिरफ्तारशुदा गुरनानी नामक व्यक्ति का व अन्य उदाहरण देते हुए कहा कि उसको भी आपकी तरह समझाया था, लेकिन वह समझा नहीं और उसको गिरफ्तार होना पड़ा।

वह मांगी गई राशि 2 करोड़ रुपए की मांग पर अड़ी रहीं तो दवा व्यापारी ने निवेदन किया कि वह अभी तो 25 लाख रुपए की ही व्यवस्था कर सकता है। 25 लाख और 1 फरवरी 2023 के बाद देने के लिए कहा। इस पर एएसपी ने कहा कि आप पैसों की व्यवस्था कर लो, आपको पहले वाली जगह (रिसोर्ट में उदयपुर) जाना पड़ेगा। बिजनेसमैन ने हाथ जोडकर विनती की कि मैं उस दिन भी डर गया था। आप रुपए कैसे भी करके यहीं ले लो, मैं वहां नहीं जा सकता तो एएसपी बोलीं- वो रिसोर्ट हमारा ही है, डरने की जरूरत नहीं।

एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल को लेकर जाती एसीबी की टीम।
एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल को लेकर जाती एसीबी की टीम।

ट्रैप फेल होने पर ठिकानों पर सर्च और बाद में की गिरफ्तारी

एसीबी को घूस की डिमांड की बात सही होने की जानकारी मिली तो कोर्ट के आदेश से सर्च करवाया। दिव्या मित्तल के सभी ठिकानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया गया। अजमेर में जयपुर रोड पर स्थित एआरजी सोसायटी में दिव्या के फ्लैट में खुद दिव्या के सामने सर्च कार्रवाई को अंजाम दिया। अजमेर के अलावा जयपुर, उदयपुर और झुंझुनूं में 5 जगहों पर छापा मारा। फिर बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

एनडीपीएस मामले में पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई

  • 23 मई 2021 को जयपुर की विश्वकर्मा पुलिस ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के पास टेम्पो को पकड़ा और मोहम्मद ताहिर को गिरफ्तार किया गया। इसमें करीब 5 करोड़ की दवाइयां थीं।
  • 24 मई 2021 को अजमेर के रामगंज के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक गोदाम में छापेमारी कर 114 कार्टन नशीली दवाएं बरामद कीं। इसकी कीमत 5.5 करोड़ रुपए बताई गई थी।
  • 1 जून 2021 को रामगंज व अलवरगेट थाना पुलिस ने करीब 5 करोड़ 53 लाख रुपए कीमत की अवैध दवाओं के 110 कार्टन बरामद किए हैं। इसमें 35 लाख टेबलेट, इंजेक्शन और सीरप थे।
प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी का अजमेर को ट्रांजिट पाइंट बनाने वाले कारोबारी श्याम सुंदर मूूंदड़ा को मेड़ता के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था।
प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी का अजमेर को ट्रांजिट पाइंट बनाने वाले कारोबारी श्याम सुंदर मूूंदड़ा को मेड़ता के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था।

इनको कर चुकी है गिरफ्तार

  • पहली बार जयपुर में टैम्पों चालक मोहम्मद ताहिर को गिरफ्तार करने के दूसरे दिन ही अजमेर में गोदाम के केयरटेकर मोमिन, कालू को गिरफ्तार किया। इसके बाद अजमेर में माल काे ई रिक्शा में ट्रांसपोर्ट कंपनी तक पहुंचाने और लाने वाले साजिद उर्फ कलाम और बाद में अजमेर के रामगंज हरिजन कॉलोनी निवासी मुकेश टांक व गौतम नगर निवासी कमल और बाद में मुख्य कारोबारी श्यामसुन्दर मून्दड़ा को गिरफ्तार किया।
पुलिस की गिरफ्त में अजमेर के ककलाना निवासी मोमीन शाह व चीताखेड़ा निवासी कालूराम जाट।
पुलिस की गिरफ्त में अजमेर के ककलाना निवासी मोमीन शाह व चीताखेड़ा निवासी कालूराम जाट।

16 करोड़ से ज्यादा की दवा बरामद

  • नशीली दवा प्रकरण में पुलिस अब तक 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की दवाइयां पकड़ चुकी है। इसमें जयपुर में 5.5 करोड़ और अजमेर में दो बार कार्रवाई कर 11 करोड़ की दवाइयां जब्त की जा चुकी है। यह सभी दवाइयां विभिन्न ब्रांड की है, लेकिन अधिकांश में साल्ट ट्रामोडोल है।

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