सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान (CUR) के फाॅर्मेसी विभाग कर पीएचडी स्काॅलर अविनाश गाेठवाल अमेरिका की नार्थ डकाेटा स्टेट यूनिवर्सिटी में पाेस्ट डाॅक्टाेरल रिसर्च एसाेसिएट (PDRA) पद पर काम करेगा। डाॅ. अविनाश ने अमेरिका के फार्गाे शहर में पदभार ग्रहण भी कर लिया है। उन्हें नार्थ डकाेटा स्टेट यूनिवर्सिटी फैलाेशीप भी देगी।
CUR की PRO अनुराधा मित्तल ने बताया कि डॉ. अविनाश ने पीएचडी सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के फाॅर्मेसी विभाग से डेनड्रीमर मेडिएटेड एप्रोचेज फ़ोर दी इफेक्टिव ड्रग डिलीवरी ब्रेन विषय पर की है। यह पीएचडी उन्होने डॉ. उमेश गुप्ता, सहायक आचार्य, के निर्देशन में की। यह शाेधकार्य सक्रिय रूप से नैनो तकनीक का उपयोग करके अल्जाइमर रोग का इलाज खोजने में मददगार हाेगा। इसकी व्यवसायिक क्षमता के आधार पर फाॅर्मेसी विभाग इस शाेधकार्य के पेटेंट की कवायद भी कर रहा है। इसके लिए आवेदन दिया जा चुका है।
मित्तल के मुताबिक डॉ. अविनाश ने 19 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र और 9 अंतरराष्ट्रीय पुस्तक अध्याय डॉ. गुप्ता के मार्गदर्शन में प्रकाशित किए हैं। उन्होंने 2013 में एम. फाॅर्मेसी के छात्र के रूप में सेंट्रल यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया और डॉ. उमेश गुप्ता की देखरेख में एम. फाॅर्मेसी थीसिस का काम पूरा किया। डॉ. गुप्ता की प्रयोगशाला कैंसर, ट्यूबरक्लोसिस एवं अल्जाइमर' जैसे असाध्य रोगों पर नैनोटेक्नोलाॅजी के उपयोग अाैर नई उपचार पद्धति पर लगातार शोध कार्य कर रही है।
डॉ. उमेश गुप्ता की प्रयोगशाला के शोध कार्य को पहले भी विश्व स्तर पर पहचान मिल चुकी है । 2019 में अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन फाॅर्मास्यूटिकल साइंटिस्ट ने अमेरिका के सैन अंटोनिओ में उनको "यंग एजुकेटर और रिसर्चर अवार्ड" से सम्मानित किया था । जर्मनी के प्रतिष्ठित दाद फाउंडेशन ने उन्हें अकादमिक एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत छात्रवृति भी दी थी। डॉ. गुप्ता वर्ष 2018 में CUR के सर्वश्रेष्ठ संकाय सदस्य के ताैर पर प्रथम कुलाधिपति पुरस्कार से भी सम्मानित हाे चुके हैं।
(रिपोर्ट: सादिक़ अली)
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